पीएम मोदी गुरुवार को अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया। यहाँ उन्होंने अक्षय पात्र मध्याह्न भोजन रसोई का उद्घाटन किया। इस रसोई में प्रतिदिन एक लाख बच्चों के लिए खाना तैयार किया जाएगा। उत्तर भारत की यह सबसे बड़ी रसोई है। अक्षय पात्र एक स्वयं सेवी संस्था द्वारा इसका संचालन किया जाता है। जिसके द्वारा उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों में दोपहर का खाना वितरित किया जाता है। वाराणसी में संस्था का 62 वां केंद्र शुरू किया गया है।
इस संस्था द्वारा बना खाना वाराणसी के 142 स्कूलों के बच्चों को वितरित किया जाएगा। यह भारत की सबसे बड़ी रसोई है जो तीन एकड़ में फैली हुई है। यहाँ सभी चींजें आधुनिक मशीनों से तैयार की जाएंगी। जिसमें घंटे में 1100 लीटर दाल, 40 मिनट में 135 किलो चावल और दो घंटे में 1100 लीटर सब्जी पकाई जा सकती है। साथ ही रोटी बनाने के लिए आटा को गुथने के लिए मशीन, रोटियों को बनाने के लिए आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जायेगा। इतना ही नहीं यहां साफ सफाई का भी विशेष ध्यान दिया गया है।
#WATCH वाराणसी: PM नरेंद्र मोदी ने अक्षय पात्र मिड डे मील किचन का निरीक्षण किया।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 7, 2022
इस रसोई चौबीस घंटे 300 लोग काम करेंगे। अगर चावल को धोना है तो पहले सामान्य पानी फिर गुनगुने पानी और बाद में फिर सामान्य पानी से धोया जायेगा। ऐसी ही प्रक्रिया दाल और सब्जी के लिए भी की जायेगी। खाना पकाने के लिए सौर ऊर्जा और बिजली का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा समागम ऐसे समय में हो रहा है जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत महोत्सव के सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी शिक्षा व्यवस्था और युवाओं की है।
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