प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत और जॉर्डन ने ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती दी है। दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं, जिसके तहत पीएम मोदी जॉर्डन गए है।
15 दिसंबर को अम्मान में प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन के राजा किंग अब्दुल्ला द्वितीय के साथ व्यापक वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के पूरे दायरे की समीक्षा की और व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा, कृषि और लोगों के बीच संपर्क को और गहरा करने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने रिश्तों को ऐतिहासिक बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक सद्भाव को ठोस आर्थिक और विकासात्मक परिणामों में बदला जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय दौरे पर किंग अब्दुल्ला द्वितीय के निमंत्रण पर जॉर्डन पहुंचे। जॉर्डन में यह 37 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है। इस अवसर पर दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) और करारों पर हस्ताक्षर किए।
इनमें नई और रिन्यूएबल ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग, जल संसाधन प्रबंधन और विकास पर सहयोग, जॉर्डन के ऐतिहासिक स्थल पेट्रा और भारत के एलोरा गुफाओं के बीच ट्विनिंग व्यवस्था, तथा 2025–2029 की अवधि के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का नवीनीकरण के लिए समझौते किए। इसके अलावा, जनसंख्या स्तर पर डिजिटल परिवर्तन समाधानों को साझा करने के लिए एक आशय पत्र (Letter of Intent) पर भी सहमति बनी, जो डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को दर्शाता है।
أجريتُ مباحثات مثمرة مع جلالة الملك عبدالله الثاني في عمّان. إن التزامه الشخصي بتعزيز العلاقات الهندية الأردنية المتميزة جدير بالثناء. نحتفل هذا العام بالذكرى الخامسة والسبعين لإقامة علاقاتنا الدبلوماسية الثنائية. سيُلهمنا هذا الإنجاز التاريخي للمضي قدمًا بطاقة متجددة في… pic.twitter.com/LJ0yDpLBfY
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2025
वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, भारत जॉर्डन के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में शामिल है और दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई, जिसमें जॉर्डन की भुगतान प्रणालियों को भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से जोड़ने की संभावना है।
भारत को फॉस्फेटिक खाद की आपूर्ति में जॉर्डन की भूमिका को देखते हुए कृषि और खाद क्षेत्र में सहयोग भी बातचीत का अहम हिस्सा रहा। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया। आतंकवाद और उग्रवाद के सभी रूपों से मिलकर मुकाबला करने तथा सुरक्षा मामलों में समन्वय बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
इस यात्रा का एक बड़ा आकर्षण जॉर्डन की ओर से इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) में शामिल होने की इच्छा जताना रहा। यह भारत के नेतृत्व में चलाया जा रहा वैश्विक मंच है, जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। जॉर्डन ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेज़िलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI) जैसे अन्य भारतीय पहल के मंच में भी रुचि दिखाई है। इससे सतत विकास, स्वच्छ ऊर्जा और आपदा-रोधी ढांचे के क्षेत्र में भारत-जॉर्डन सहयोग को नई दिशा मिलने की संभावना है।
जॉर्डन पश्चिम एशिया में भारत का एक अहम साझेदार है, यह क्षेत्र भारत की ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार और प्रवासी हितों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। जॉर्डन के साथ बढ़ता सहयोग मध्य पूर्व और अरब जगत में भारत की कूटनीतिक पहुंच को भी मजबूत करता है। साथ ही, भारतीय नेतृत्व वाले वैश्विक मंचों में जॉर्डन की भागीदारी भारत को ग्लोबल साउथ के नेतृत्वकर्ता और सतत विकास व डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के समर्थक के रूप में और सुदृढ़ करती है। जॉर्डन प्रधानमंत्री मोदी के तीन देशों के दौरे का पहला पड़ाव है। इसके बाद वह इथियोपिया और ओमान की यात्रा पर जाएंगे।
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