नई दिल्ली। पीएम मोदी ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने रक्षा मंत्रालय के दो भवनों का उद्घाटन और वेबसाइट लांच किया। इस दौरान उन्होंने सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आलोचना करने वालों को जमकर लताड़ लगाई। पीएम मोदी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में लोगों में भ्रम फैलाया गया। जो काम आजादी के तुरंत हो जाना चाहिए था, उसे आज हम पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम पूरा हुआ है।
24 के बजाय 12 महीने में पूरा: पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स का जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो सिर्फ 12 महीने में पूरा किया गया है। वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में लेबर से लेकर तमाम दूसरी चुनौतियां सामने थीं। कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस प्रोजेक्ट में रोजगार मिला है। बता दें कि दोनों दफ्तर की इमारतें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत तैयार हुई हैं। इससे पहले रक्षा मंत्रालय का मुख्य दफ्तर साउथ ब्लॉक के पास था, जबकि बाकी दफ्तर इधर-उधर थे। लेकिन इन्हें अब इन दो इमारतों में समाहित कर दिया जाएगा। दोनों ही इमारतें अब बनकर पूरी तरह तैयार हैं। अगले कुछ महीनों में कर्मचारी इनमें शिफ्ट हो जाएंगे।
शहीदों को सम्मान देने का काम किया: पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने कामकाज की नई शैली अपनाई है। मुझे 2014 में आपने सेवा का मौका दिया था। मैं सरकार में आते ही संसद भवन को बनाने का काम शुरू कर सकता था। लेकिन हमने यह रास्ता नहीं चुना। सबसे पहले हमने देश के लिए जान देने वालों के लिए स्मारक बनाना तय किया। आजादी के तुरंत बाद जो काम होना चाहिए था, उसे हम आज कर रहे हैं। देश के दफ्तरों को ठीक करने का बीड़ा उठाया। सबसे पहले हमने देश के शहीदों को सम्मान देने का काम किया।’
प्रभावी तरीके से होगा काम: पीएम ने कहा कि ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है। 21वीं सदी के भारत की सैन्य ताक़त को हर तरह से मज़बूत बनाने में जुटे हैं। एक से एक आधुनिक हथियारों से लैस करने में जुटे है। ऐसे में देश की सुरक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने परिसरों में हो वह कैसे संभव हो सकता है?
आलोचकों पर निशाना: उन्होंने कहा कि जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे इन प्रोजेक्ट पर बिल्कुल चुप रहते थे, जबकि ये भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा है। पीएम मोदी बोले कि आज जब ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है। बता दें कि पीएम से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि पुराने रक्षा परिसर इतने जर्जर हो गए थे कि टूटने के कगार पर थे। अब 7,000 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी नए परिसर में अच्छी कार्यकारी परिस्थितियों में काम कर सकेंगे। ये परिसर 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से बने हैं और यहां हर तरह की सुविधाएं भी हैं।
प्रभावी तरीके से होगा काम: पीएम ने कहा कि ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है। 21वीं सदी के भारत की सैन्य ताक़त को हर तरह से मज़बूत बनाने में जुटे हैं। एक से एक आधुनिक हथियारों से लैस करने में जुटे है। ऐसे में देश की सुरक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने परिसरों में हो वह कैसे संभव हो सकता है?
आलोचकों पर निशाना: उन्होंने कहा कि जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे इन प्रोजेक्ट पर बिल्कुल चुप रहते थे, जबकि ये भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा है। पीएम मोदी बोले कि आज जब ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है। बता दें कि पीएम से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि पुराने रक्षा परिसर इतने जर्जर हो गए थे कि टूटने के कगार पर थे। अब 7,000 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी नए परिसर में अच्छी कार्यकारी परिस्थितियों में काम कर सकेंगे। ये परिसर 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से बने हैं और यहां हर तरह की सुविधाएं भी हैं।