लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के पहले योगी आदित्यनाथ सरकार का एक और फैसला चर्चा में है। सरकार ने सहारनपुर के देवबंद में एटीएस कमांडो के लिए सेंटर बनाने का फैसला लिया है। अब इस सेंटर के निर्माण के लिए एटीएस को 2,000 वर्गमीटर जमीन अलॉट कर दी गई है। सेंटर बनने का काम तेजी से शुरू हो गया है।
इस फैसले को सरकार के मंत्री जहां उचित ठहरा रहे हैं, वहीं, विपक्ष इसे एक वर्ग विशेष पर दबाव बनाने की रणनीति बता रहा है। कुल मिलाकर इस फैसले पर विवाद तय माना जा रहा है। पहले लव जेहाद, फिर जनसंख्या नियंत्रण कानून और अब देवबंद में एटीएस सेंटर बनाने का फैसला ,इसको लेकर मौजूदा परिस्थितियों और चुनौतियों के मद्देनजर योगी सरकार का यह निर्णय काफी अहम माना जा रहा है। इस एटीएस सेंटर में प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज-तर्रार एटीएस अफसरों की तैनाती की जाएगी ,सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय की सूचना जारी होने पर तत्काल बाद इसपर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे प्रदेश की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले को किसी अन्य तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए। देवबंद में संदिग्ध घटनाएं होती रही हैं, इसलिए वहां एटीएस सेंटर बनाने के लिए चुना गया है। वहीं, विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ है, यहां पहले से ही पुलिस मुख्यालय स्थापित है। इसलिए एटीएस सेंटर भी लखनऊ में बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवबंद अंतराष्ट्रीय शिक्षा का बड़ा केंद्र है, सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है।