देश में गौहत्या की प्रथा को मिटाने के उद्देश्य से यह पवित्र अनुष्ठान ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में हो रहा है| यह कुंभ मेला स्थल पर सबसे बड़ा यज्ञ शिविर है, जिसमें एक हजार एक ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ प्रतिष्ठान किया जाएगा|
बता दें कि धर्म और आध्यात्म की नगरी प्रयागराज में वैसे तो हजारो रंग दिखाई देते हैं, लेकिन यहां आने वाले साधु संत अपने-अपने तरीके से चाहे वह सनातन धर्म को बढ़ाने की बात हो या गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की बात हो, यज्ञ अनुष्ठान करके संकल्प ले रहे हैं|
महाकुंभ में ‘गौ माता’ के सम्मान और उन्हें भारत की राष्ट्रीय माता के रूप में मान्यता दिलाने के लिए सबसे बड़ा “कुण्डीय पञ्चायतन और गौ-प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा| यह अनुष्ठान 15 जनवरी से 12 फरवरी तक महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा|
इस यज्ञ में सबसे बड़ी बात यह है कि गायों की जितनी प्रजातियां हैं उनके शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाएगा, और 108 और 108 करके तीन भाग में यज्ञ शालाएं बनाई गई हैं जो अपने रूप में ही अद्भुत है| प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी के संगम तट पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘1008’ ने कहा कि यह प्रतिष्ठा महायज्ञ प्रारंभ हो रहा है, 324 हवन कुंड बनाए गए हैं, जिसमें 11001 पंडितों मिलकर यज्ञ अनुष्ठान करेंगे|
स्वामी ने कहा कि महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य यह है कि गौ माता की पूर्व काल में जो प्रतिष्ठा थी, इस काल में भी स्थापित हो| गौ माता को माता का दर्जा दिया जाए|गौ हत्या दंडनीय अपराध घोषित किया जाए| उनका कहना है कि जो राजनेता गौ माता की बात करते हैं यहां आकर इस यज्ञशाला की परिक्रमा करके संकल्प ले की गौ हत्या और गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देना है|
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