सज गयी प्रयागराज महाकुंभ की नगरी : संगम पर विश्व की सबसे बड़ी तंबुओं की नगरी​!

13 जनवरी यानी पौष पूर्णिमा के प्रथम स्नान पर्व पर पहले दिन करीब 7 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।

सज गयी प्रयागराज महाकुंभ की नगरी : संगम पर विश्व की सबसे बड़ी तंबुओं की नगरी​!

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महाकुंभ 2025​ को लेकर प्रयागराज पूरी तरह सुसज्ज हो चुकी हैं। ​वही, विश्व की सबसे बड़ी तंबुओं की नगरी संगम की रेती पर सज गई है। शाही स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला तेजी से बढ़ता जा रहा है। हर दिशा से आने वाले मार्गों पर लाखों कल्पवासियों के वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।
​ पूरे शहर को दुलहन की तरह सजाया गया है। जगह-जगह झालरें लगाई गईं हैं। ज‍िसमें कई रंग देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा घाटों पर भी लाइट‍िंग की गई है। रेलवे स्‍टेशन पर भी आकर्षक आकृत‍ियां बनाई गई हैं। सीएम योगी महाकुंभ की तैयार‍ियों का न‍िरीक्षण करने पहुंचे थे। वहीं महाकुंभ में आने वाले कई संत अपने हठयोग और अनोखी तपस्या को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं।

​बता दें संगम तट पर पहले शाही स्नान से एक दिन पहले श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ ने मेला स्थल को पूरी तरह से जीवंत कर दिया है। कल्पवासियों का रेला उमड़ने से पीपो​ (पांटून पुलों) के पुलों से लेकर सड़कों तक तिल रखने की जगह नहीं बची है। आज यानी रविवार से मास पर्यंत कल्पवास शुरू होगा। 13 जनवरी यानी पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ मास पर्यंत जप, तप, ध्यान का मेला आरंभ हो जाएगा। इसके लिए देश-दुनिया से कल्पवासी परिवार के साथ निकल पड़े हैं।

शनिवार देर रात तक से काफी संख्या में कल्पवासी बांस, लकड़ी, पुआल के बीच पूरी​ व्यवस्था के साथ शिविरों में पहुंचते रहे। कल्पवासियों का कारवां चलने से पीपो​ के पुलों से लेकर सड़कों तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।

मेला प्रशासन के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन सात करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना है। इस भीड़ को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। प्रयागराज में सेंट्रल अस्पताल के अलावा, प्रत्येक सेक्टर में 20-20 बेड की क्षमता वाले अस्पताल बनाए गए हैं।

प्रयागराज मेला क्षेत्र में यातायात व्यवस्था के मद्देनजर वाहनों के प्रवेश पर अगले पांच दिनों तक रोक लगा दी गई है। रविवार रात आठ बजे से यह व्यवस्था लागू होगी और 15 जनवरी की रात आठ बजे तक प्रभावी रहेगी। इस दौरान सिर्फ चिकित्सा व प्रशासनिक वाहन ही क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

अलग-अलग जिलों से आने वाले सात प्रमुख मार्गों पर भी अंतर्जनपदीय पार्किंग व्यवस्था रविवार रात से ही लागू कर दी जाएगी। इसके तहत अलग- अलग मार्गों पर भारी व हल्के वाहनों के लिए अलग पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।

भारी वाहनों जैसे बस और टैक्टरआदि से आने वाले श्रद्धालु शटल बस से हल्के वाहनों के लिए बनाई गई पार्किंग स्थल तक आएंगे। इसके बाद हल्के वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं की तरह ही वह पैदल ही उसी दिशा के निकटतम घाटों पर पहुंचकर स्नान करेंगे। वहीं, मुख्य स्नान पर्व के दिनों में अक्षयवट दर्शन बंद रखने का निर्णय लिया गया है​|
 
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