पद्मश्री से सम्मानित प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी वागीश शास्त्री का बुधवार की रात वाराणसी में निधन हो गया। वे 88 साल के थे। लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गहरा दुःख जताया है।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक और प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी का जन्म मध्य प्रदेश के सागर जिला के खुरई बिलैया गांव में 24 जुलाई 1934 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सागर के संस्कृत विद्यालय में हुई थी। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए बनारस चले गए। इसके बाद वे वहीं के होकर रह गए।
संस्कृत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले वागीश त्रिपाठी को 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ने पहली बार 1959 में वाराणसी के टीकमणि संस्कृत महाविद्यालय में अध्यापक के पद नियुक्त हुए थे। इसके बाद वे 1970 में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक और प्रोफेसर नियुक्ति की गई थी। भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 1996 तक इस विश्वविद्यालय में कार्यरत थे।
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