पुणे से अयोध्या साइकिल! देश में मराठमोला राम भक्त की चर्चा​ !

22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा​|​ इस उद्घाटन समारोह के लिए देशभर से श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे​|​खानदेश से एक युवक भी रामलला के दर्शन के लिए रवाना हुआ है​|​ दिलचस्प बात यह है कि यह युवक पुणे से अयोध्या तक का सफर साइकिल से तय कर रहा है​|​

पुणे से अयोध्या साइकिल! देश में मराठमोला राम भक्त की चर्चा​ !

Pune to Ayodhya cycle! Marathamola Ram devotee is discussed in the country!

22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा|इस उद्घाटन समारोह के लिए देशभर से श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे|खानदेश से एक युवक भी रामलला के दर्शन के लिए रवाना हुआ है|दिलचस्प बात यह है कि यह युवक पुणे से अयोध्या तक का सफर साइकिल से तय कर रहा है|इसलिए इस युवक की प्रदेश में खूब चर्चा हो रही है|इस युवक का नाम आशीष दुसाने है|यह युवक जलगांव के अमलनेर का रहने वाला है। वह अयोध्या में रामलला उत्सव के लिए पुणे से अयोध्या तक साइकिल चला रहे हैं।

आशीष दुसाने नाम का युवक रामलला के दर्शन के लिए जुन्नार से अयोध्या तक साइकिल यात्रा पर है|इस यात्रा के दौरान जब आशीष दुसाने ने अमलनेर में प्रवेश किया तो राम भक्तों ने हर्षोल्लास के साथ उनका स्वागत किया|खास बात यह है कि आशीष सड़क पर चलते हुए मंदिर में रुक रहे हैं और लोगों के सामने राम मंदिर, अयोध्या के इतिहास के साथ-साथ राजनीतिक और न्यायिक संघर्ष भी बता रहे हैं।

अमलनेर के बेटे कवि आशीष दुसाने पुणे शिव जन्मभूमि से राम जन्मभूमि अयोध्या तक साइकिल से संकल्प यात्रा शुरू की है|रामलला महोत्सव के लिए वह 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे|अमलनेर में रामभक्तों की ओर से इस युवक का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया गया​|आशीष दुसाने अमलनेर के निवासी हैं और पुणे में यशभारती फाउंडेशन के माध्यम से छात्रों को मुफ्त एमपीएससी, यूपीएससी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
‘इस’ रास्ते से साइकिल से अयोध्या पहुंचेंगे आशीष दुसाने: आशीष दुसाने ने जुन्नार से मिट्टी और जल लेकर संकल्प यात्रा शुरू की है। आशीष जुन्नर से साइकिल से संत सखाराम महाराज, संगमनेर के मंगल मंदिर, कोपरगांव, मालेगांव, धुले, अमलनेर के दर्शन करने के बाद इंदौर, उज्जैन, बागेश्वर धाम, मिर्ज़ापुर, काशी, प्रयागराज, सुल्तानपुर प्रतापगढ़ होते हुए अयोध्या पहुंचने वाले हैं।
पुणे के पुण्येश्वर, काशी के विश्वेश्वर और भगवान कृष्ण भूमि को मुक्त कराने के लिए राम का बलिदान देंगे। रास्ते में आशीष अलग-अलग मंदिरों में रुकते हैं और जनता को राम मंदिर, अयोध्या का इतिहास, राजनीतिक और न्यायिक संघर्षों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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