आखिरकार बीजेपी के ‘नक्शेकदम’ पर चलने को तैयार हुई पंजाब सरकार 

विधानसभा चुनाव को देखते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की चरणजीत सरकार

आखिरकार बीजेपी के ‘नक्शेकदम’ पर चलने को तैयार हुई पंजाब सरकार 

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 चंडीगढ़। आखिरकार पंजाब सरकार बीजेपी शासित राज्यों के ‘नक्शेकदम’ चलने को तैयार हो ही गई। पंजाब सरकार ने रविवार को पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर सस्ता किया। यह नई दरें आज रात से लागू हो जाएंगी। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को पेट्रोल -डीजल पर से उत्पाद शुल्क कम किया गया था।इसके बाद भाजपा शासित राज्यों ने भी पेट्रोल -डीजल से वैट कम कर जनता को राहत देने की कोशिश की है ,लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों ऐसा करने से मना कर दिया था। बताया जा रहा है कि देश का सबसे महंगा पेट्रोल राजस्थान के श्रीगंगानगर में बिक रहा है। लेकिन गहलोत सरकार पेट्रोल -डीजल के दाम कम करने को तैयार नहीं है।

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। मोदी सरकार के कदम के ठीक बाद बीजेपी शासित राज्यों ने भी वैट घटाकर ग्राहकों को राहत दी थी, लेकिन अधिकतर गैर-एनडीए शासित राज्यों ने केंद्र सरकार से और अधिक एक्साइज ड्यूटी घटाने की मांग करते हुए वैट घटाने से इनकार कर दिया था। राजस्थान जैसे कांग्रेस शासित राज्य टैक्स कटौती से इनकार कर चुके हैं, जहां पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर है।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार वैट घटाने से साफ तौर पर इनकार कर चुकी है। सीएम अशोक गहलोत कह चुके हैं कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों पर वैट कम नहीं करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार को ही और अधिक टैक्स कटौती की नसीहत दी। गहलोत ने कहा, ”मेरा सुझाव है कि पेट्रोल, डीजल और गैस से एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और सेस के रूप में जो राजस्व केंद्र सरकार इकट्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें वैट लगाती हैं। महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार को इसमें और अधिक कमी करनी चाहिए। इससे राज्यों का वैट अपने आप ही कम हो जाएगा।”  वैट घटाने से कांग्रेस शासित राज्यों के इनकार के बीच पंजाब में वैट कटौती के फैसले को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
पंजाब में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चरणजीत सरकार को डर था कि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स नहीं घटाने से जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
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