341 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर में खत्म होगा। यह पूर्वांचल को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे बन जाने से यूपी के तमाम लोगों की मुश्किलें कम हो जाएंगी। 22,494 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह एक्सप्रेस वे पूर्वांचल के विकास में नई इबारत लिखेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 6 लेन का है। बाद में इसे 8 लेन भी किया जा सकता है। इस एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 आरओबी, 7 बड़े पुल, 118 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज, 271 अंडरपास और 503 पुलियां, 6 टोल प्लाजा, 5 रैंप प्लाजा हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 6 लेन का है। इसे 8 लेन भी किया जा सकता है। गाजीपुर के हैदरिया गांव से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस लखनऊ में चांद सराय गांव पर जाकर खत्म होगा। यह एक्सप्रेस वे गाजीपुर के बाद मऊ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्या, सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी से होकर गुजरेगा। गाजीपुर से अब सिर्फ 10 घंटे में दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। अब तक यह सफर 20 घंटे से ज्यादा का होता था। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इस तरह से तैयार किया गया है कि इमरजेंसी में उस पर फाइटर प्लेन उतारे जा सकें। इस एक्सप्रेस-वे पर 3.20 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी लड़ाकू विमानों के टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए बनाई गई है।
एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्र को औद्योगिक विकास के नजरिए से विकसित किया जाएगा और इसके दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाया जाएगा। इन गलियारों में फूड प्रोसेसिंग, MSME यूनिट्स, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना पर काम हो रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी से उद्योगों से सामान प्रदेश से एक्सपोर्ट हो सकेगा।
छह लेन का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेस-वे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज की जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएंगे।
इस एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए नई दिल्ली से जुड़ जाएंगे और यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ के गांव चांद सराय से शुरू होकर गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव में खत्म होगा।