रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इंडिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “दबाव में आने वाले नेता नहीं हैं।” अमेरिका की ओर से लगाए जाने वाले दबाव और टैरिफ विवाद पर पूछे गए सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा कि मोदी ने दुनिया को दिखाया है कि भारत अपने निर्णय स्वयं लेता है और भारत अपने नेतृत्व पर गर्व कर सकता है।
रुसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि “भारत–रूस संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं और दोनो देशों के बीच 90% से अधिक लेन-देन सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं। भारत के साथ साझेदारी उनके लिए हमेशा प्राथमिकता रही है।”
दुनिया की नजरें रूस–यूक्रेन युद्ध, वैश्विक शक्ति परिवर्तन और अमेरिका द्वारा पेश किए गए नए शांति प्रस्ताव पर टिकी हुई हैं। ऐसे में रुसी राष्ट्रपति भारत का दो दिवसीय दौरा कर रहें है, जो और भी अहम् हो जाता है। 4–5 दिसंबर को होने वाली भारत यात्रा पर पुतिन रक्षा सहयोग, फाइटर जेट तकनीक, परमाणु ऊर्जा, आर्कटिक क्षेत्र में साझेदारी, इंडो–पैसिफिक रणनीतिक मुद्दों और अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच भारत की ऊर्जा खरीद जैसे विषयों पर बातचीत करेंगे।
यह यात्रा 2021 के बाद पुतिन का पहला भारत दौरा होने जा रहा है, जिसमें दोनों देशों की 25 साल पुरानी रणनीतिक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
रूस के रक्षा, वित्त, कृषि, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, गृह और परिवहन मंत्री भी इस दौरे में शामिल हो रहे हैं, जो वार्ता के व्यापक एजेंडा को दर्शाता है। भारत–रूस वार्ता में नई ब्रह्मोस वैरिएंट, हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट, लंबी दूरी की मिसाइलें और अतिरिक्त S-400 यूनिट्स पर चर्चा होगी। दोनों देश व्यापार असंतुलन को दूर करने और 2030 तक के सहयोग रोडमैप को अंतिम रूप देंगे।
पुतिन और मोदी संयुक्त रूप से इंडिया–रूस बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे, जहां विनिर्माण, निवेश और टेक्नोलॉजी सहयोग पर ध्यान दिया जाएगा। यह शिखर सम्मेलन भारत–रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक है।
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