Rajyasabha : विपक्ष का वॉकआउट; स्पीकर ने अफसोस जताते हुए कहा, हद हो गई…’!

मोदी अपने भाषण से विचलित नहीं हुए। उन्होंने अपना भाषण जारी रखा|

Rajyasabha : विपक्ष का वॉकआउट; स्पीकर ने अफसोस जताते हुए कहा, हद हो गई…’!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देने के बाद राज्यसभा आये| शुरुआत में उनके भाषण को विरोधियों ने चुपचाप सुना। लेकिन, उनके भाषण के तूल पकड़ने के बाद विपक्ष में हंगामा शुरू हो गया| इसमें सबसे आगे रहे राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे वेल में आए और मोदी को अपना भाषण रोकने पर मजबूर कर दिया| लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जोरदार भाषण दिया| उस वक्त उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा था और मोदी पर भी निशाना साधा था|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में उनकी हर बात का स्पष्ट जवाब दिया| लेकिन, इसका जवाब देते हुए विपक्ष ने लोकसभा में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी| हालांकि, इस अफरा-तफरी के बीच भी मोदी ने अपना भाषण जारी रखा और भाषण खत्म होने के बाद ही बैठे| इसलिए चर्चा थी कि कल उनकी जीत हुई है|

मोदी को राज्यसभा में प्रवेश करते ही भाजपा समर्थकों ने नारे लगाकर मोदी का स्वागत किया| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोलने के बाद विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी| मांग की गई कि मोदी को अपना भाषण रोक देना चाहिए| हालांकि, मोदी अपने भाषण से विचलित नहीं हुए। उन्होंने अपना भाषण जारी रखा| नतीजा ये हुआ कि विपक्ष ने और ज़ोरदार नारेबाजी की| खड़गे नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाहते थे| लेकिन, उन्हें बोलने की इजाजत दी गई| इसलिए वेल के पास जाकर भी उन्होंने मोदी का भाषण रोकने के लिए नारे लगाए | उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आप सदन और संविधान का अपमान कर रहे हैं| हालांकि, विपक्ष अपनी राय से टस से मस नहीं हुआ|

विपक्ष ने मुझसे नहीं, संविधान से मुंह मोड़ा: मोदी को अपना भाषण नहीं रोकते देख आखिरकार विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के सदन से वॉकआउट करने के बाद राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने खेद जताया| उन्होंने कहा, ”यह बेहद दुखद, अमर्यादित कृत्य है| मैंने चर्चा की, मैंने अनुरोध किया। विपक्षी नेताओं को बिना किसी रुकावट के बोलने का मौका दिया गया| आज वह सदन से नहीं, मर्यादा से बाहर गये| 

भारतीय संविधान को खारिज कर दिया गया है| आज उन्होंने आपका और मेरा अपमान नहीं किया है, उन्होंने संविधान के साक्षी के रूप में ली गई शपथ का अपमान किया है। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता| ऐसा कैसे हो सकता है, हम देश का मार्गदर्शन करना चाहते हैं| इससे देश के 140 करोड़ लोग दुखी हुए होंगे| अगर विपक्ष ने अपनी बात रखी है तो उन्हें सत्ता पक्ष की बात भी सुननी चाहिए, सदन इसी को कहते हैं।

मोदी ने क्या कहा?: प्रधानमंत्री ने विपक्षी की आलोचना करते हुए कहा कि कल उनकी कई रणनीतियां फेल हो गईं| इसलिए आज उनमें लड़ने की हिम्मत नहीं हुई| इसलिए वे मैदान छोड़कर चले गये| मैं कर्तव्य से बंधा हूं| मैं यहां बहस जीतने के लिए नहीं हूं। देश की जनता मेरे हर पल का हिसाब लेना मेरा कर्तव्य मानती है|

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