रामदास आठवले उतरे यूपी के चुनावी मैदान में,क्या RPI से BSP-SP,कांग्रेस का होगा नुकसान?

रामदास आठवले उतरे यूपी के चुनावी मैदान में,क्या RPI से BSP-SP,कांग्रेस का होगा नुकसान?

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लखनऊ। केंद्रीय मंत्री आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले की यूपी में गतिविधियों से सियासत गर्म हो रही है, खास कर मुस्लिम वोटों पर नजर रखने वाली बसपा,सपा-कांग्रेस के लिए उनके कदम परेशान करने वाले लग रहे हैं,लखनऊ पहुंचकर आठवले शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद के घर गए, उन्होंने कल्बे जव्वाद से मुलाकात की और मुसलमानों के हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की,उन्होंने कहा कि वह मुसलमानों को जोड़ने का काम करना चाहते हैं, शिया धर्मगुरु ने भी कहा कि मुसलमानों बहुत ज्यादा नहीं, लेकिन तवज्जो चाहिए। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर साधा निशाना, कहा- 2024 में खेला नहीं, मोदी का मेला होगा। केंद्र सरकार संशोधन बिल ला रही है जिसके बाद ओबीसी आरक्षण देने का अधिकार राज्यों को मिलेगा।

उन्होंने बताया कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया 26 सितंबर से गाजियाबाद से बहुजन कल्याण यात्रा प्रारंभ करेगी, यह यात्रा 18 दिसंबर को लखनऊ में खत्म होगी,यात्रा पूरे प्रदेश में निकाली जाएगी। लखनऊ में समापन दिवस पर एक लाख लोगों की रैली का आयोजन किया जाएगा,उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बारे में आठवले ने कहा कि आरपीआई बसपा का विकल्प बनेगी, उनकी पार्टी दलित और मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, उन्होंने कहा कि इससे बसपा और सपा दोनों को नुकसान होगा, वैसे भी विधानसभा चुनाव जीतना दोनो पार्टियों के लिए संभव नहीं है, उन्होंने कहा कि आरपीआई केंद्र में एनडीए के सहयोगी पार्टी है,अब वह उत्तर प्रदेश में दस सीट चाहती है, जहां से उसके प्रत्याशी चुनाव लड़ें. बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर उन्होंने कहा कि ब्राह्मण भाजपा के साथ है, आरपीआई ही उत्तर प्रदेश में भाजपा को ब्राह्मण और दलित दिलाएगी।

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