भारतीय औद्योगिक जगत में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता, आर्थिक लाभ, वंचितों के जीवन में बदलाव लाने के प्रयास, करुणा, परोपकार, पशुओं के प्रति प्रेम और मनुष्य की मानवता की रक्षा करने वाले व्यक्तित्व के धनी थे रतन टाटा रसायन विज्ञान।रतन टाटा के निधन से भारतीय उद्योग जगत के साथ-साथ देश की सामाजिक चेतना में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उनके निधन पर समाज के सभी क्षेत्रों में शोक व्यक्त किया जा रहा है।
और रतन टाटा ने एक झटके में रेलवे को दे दिए 450 करोड़!: प्लांट लगाने का फैसला किया था|एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने हमें वाईफाई इंस्टॉल करने में मदद की। इससे यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलीं|मैंने एक बार रायपुर में रात में देखा कि वहां बच्चे वाईफाई का इस्तेमाल कर पढ़ाई कर रहे थे।
हमने सोचा कि देशभर के हर स्टेशन पर वाईफाई लगना चाहिए| आम तौर पर बजट में प्रावधान करने के बाद अगले साल इस पर काम किया जाता है| मैंने एक बार यूं ही रतन टाटा से कहा था कि वाईफाई लगाना फायदेमंद है और अब सरकार देश भर के सभी स्टेशनों पर वाईफाई लगाना चाहती है। उन्होंने तुरंत बिना किसी हिचकिचाहट के कहा कि टाटा संस इसके लिए रेलवे को पैसा देगी|मानो उन्हें एक-दूसरे से कोई लेना-देना ही न हो, लेकिन उन्होंने अपने सचिव वेंकट को आदेश दिया|
देखते ही देखते उन्होंने रेलवे को 450 करोड़ दे दिए| मुझे याद है कि परियोजना पूरी होने तक हमें थोड़ी और धनराशि की आवश्यकता थी। इसके लिए टाटा से कैसे पूछें? हमारे पास यह प्रश्न था, लेकिन फिर वेंकट ने कहा कि टाटा ने ये जिम्मेदारी ले ली है| पूर्व रेल मंत्री पियूष गोयल ने कहा इसलिए रेलवे को इस प्रोजेक्ट के लिए जो भी फंड की जरूरत होगी हम मुहैया कराएंगे|
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