इस महीने देवशयनी एकादशी, दीपावली, धनतेरस, करवा चौथ, अहोई व्रत, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, तुलसी विवाह, और देव दिवाली जैसे बड़े त्योहार आते हैं।
माना जाता है कि कार्तिक मास में गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। गंगा स्नान करने के बाद अनाज, फल, कपड़े और जरूरत की चीजों का दान करना शुभ रहता है।
इसके अलावा मोक्ष और पापों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है, खासकर राहु-केतु और यम के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
कार्तिक मास को संक्रमण का महीना भी कहा जाता है कि क्योंकि इस महीने मौसम बदलता है और कई बीमारियां परेशान कर सकती हैं। इस मौसम में बुखार, एलर्जी, जुकाम, और सिर दर्द जैसी समस्या रहती है और दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण भी बढ़ने लगता है, जिससे सांस लेने में परेशानी और त्वचा से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है।
आयुर्वेद में कार्तिक मास में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इन सबका जिक्र किया गया है। इस महीने में धन्वंतरि देवता प्रकट हुए थे और इस माह में तुलसी का खाली पेट सेवन करना अच्छा माना जाता है। तुलसी के सेवन से होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके अलावा सुबह उठकर हल्के गर्म पानी से स्नान भी करना जरूरी होता है।
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