भारत का वेयरहाउसिंग सेक्टर तेजी से प्रगति कर रहा है और कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर सुरक्षा और दक्षता में सुधार कर रही हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच वर्षों में भारत में वेयरहाउस टेक्नोलॉजी में बड़े निवेश की संभावना है।
जेबरा टेक्नोलॉजीज की रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया-प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र और भारत सहित विश्वभर में 63% वेयरहाउस लीडर्स अगले पांच वर्षों में एआई आधारित सॉफ्टवेयर लागू करने की योजना बना रहे हैं।
इसके अलावा,भारत सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 65% वेयरहाउस संचालक अगले पांच वर्षों में ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) तकनीक अपनाने की योजना बना रहे हैं। 64% वेयरहाउस ऑपरेटर्स वैश्विक स्तर पर आधुनिक वेयरहाउसिंग सिस्टम में निवेश बढ़ाने के पक्ष में हैं। भारत और एपीएसी में 88% कंपनियों का मानना है कि टेक्नोलॉजी में निवेश नहीं करने वाली कंपनियां अपने बिजनेस लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगी।
रिसर्च फर्म इंटरैक्ट एनालिसिस के अनुसार, वैश्विक वेयरहाउस स्पेस 2023 में 33 बिलियन वर्ग फीट से बढ़कर 2030 तक 42 बिलियन वर्ग फीट हो जाएगा, यानी 27% की वृद्धि। अगले दशक में वेयरहाउस लेबर की लागत 7% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है। कंपनियां ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी पर अधिक जोर दे रही हैं, ताकि वे प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकें।
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भारत में वेयरहाउसिंग इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है, जिससे उत्पादकता में वृद्धि, सुरक्षा में सुधार और व्यवसायों की प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में एआई और ऑटोमेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि,
“भारत में वेयरहाउसिंग सेक्टर में ऑटोमेशन और एआई का व्यापक उपयोग कंपनियों को अधिक कुशल, सटीक और लागत प्रभावी बनाएगा।”