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भारत को रूस का अब तक का सबसे बड़ा रक्षा प्रस्ताव: “इंडिया जो भी चाहेगा, हम उसे सपोर्ट करेंगे।”

SU-57 स्टेल्थ फाइटर की पूरी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की ऑफर

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिसंबर में होने वाली भारत यात्रा से पहले मॉस्को ने नई दिल्ली को एक ऐसा सैन्य प्रस्ताव दिया है, जो भारतीय वायु शक्ति के भविष्य को पूरी तरह बदल सकता है। रूस ने भारत को अपने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट Su-57 की पूरी तकनीक तक असीमित पहुंच देने की पेशकश की है। इसमें इंजन, सेंसर, स्टेल्थ सामग्री, एवियोनिक्स और संपूर्ण फिफ्थ-जेनरेशन इकोसिस्टम शामिल है।

अगर भारत यह ऑफर स्वीकार करता है, तो उसे वे अत्याधुनिक क्षमताएं मिल सकती हैं जो पश्चिमी देश वर्षों से साझा करने से इंकार करते रहे हैं। रूसी सरकारी रक्षा समूह Rostec के CEO सर्जी चेमेज़ोव ने दुबई एयर शो 2025 में ANI से कहा कि, “रूस सु-57 पहले रूस में बनाएगा, लेकिन उत्पादन धीरे-धीरे भारत में स्थानांतरित किया जा सकता है। भारत जो भी तकनीक मांगेगा, हमारे लिए स्वीकार्य होगा।”

रूस ने यह भी संकेत दिया है कि वह अपना सिंगल-इंजन स्टेल्थ फाइटर Su-75 ‘Checkmate’ भी भारत को ऑफर कर सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह ऑफर भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है, क्योंकि सु-57 भारत की हेवी-स्टेल्थ फाइटर जरूरतें पूरी करेगा, सु-75 एक किफायती, हल्का–मध्यम स्टेल्थ फाइटर बनेगा, दोनों प्रोजेक्ट भारत के AMCA से प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि पूरक होंगे।

चेमेज़ोव ने दशकों पुरानी “ऑल-वेदर” साझेदारी की याद दिलाते हुए कहा,“भारत और रूस लंबे समय से साथी हैं। भारत पर प्रतिबंध होने के बावजूद हमने हथियार उपलब्ध कराए… आज भी भारत को जो चाहिए, हम देने को तैयार हैं।” सवाल पूछे जाने पर कि क्या भारत S-400 या Su-57 की मांग कर सकता है, उन्होंने जवाब दिया “इंडिया जो भी चाहेगा, हम उसे सपोर्ट करेंगे।”

रूस के हथियार निर्यातक रॉबोरोनएक्सपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को एंजिन, AESA रडार, AI आधारित एवियोनिक्स, लो-ऑब्ज़र्वेबिलिटी (स्टेल्थ) टेक्नोलॉजी, आधुनिक एयर वेपन्स, भारतीय हथियारों का इंटीग्रेशन, लाइसेंस उत्पादन जैसी अगली पीढ़ी की तकनीक हस्तांतरित करने की पेशकश की गई है।  भारतीय वायुसेना के पूर्व स्क्वाड्रन लीडर और रक्षा विश्लेषक विजेन्दर के ठाकुर ने यूरासिया टाइम्स से कहा कि रूस सु-75 Checkmate का उत्पादन भारत में स्थापित करने की पेशकश कर सकता है।

भारत सस्ते और भरोसेमंद फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर का निर्यातक भी बन सकता है। यह प्रोजेक्ट ब्रह्मोस की तरह अरबों डॉलर की संभावित एक्सपोर्ट वैल्यू रखता है। Su-75, AMCA की तरह हैवी फाइटर नहीं; इसका रोल अलग और पूरा करने वाला है।

राष्ट्रपति पुतिन दिसंबर में 23वीं भारत–रूस वार्षिक शिखर बैठक में शामिल होंगे। वह आखिरी बार 2021 में भारत आए थे। उनकी यात्रा से पहले ही कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, रूस के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी निकोलाई पेत्रुशेव ने इस हफ्ते PM मोदी से मुलाकात की, दोनों देशों ने समुद्री सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया, शिखर बैठक की तैयारियों की समीक्षा भी हुई।

यदि भारत यह ऐतिहासिक प्रस्ताव स्वीकार करता है, तो स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर तकनीक में भारत एक छलांग लगा सकता है, AMCA कार्यक्रम को भी मजबूत समर्थन मिलेगा, संयुक्त उत्पादन से भारत भविष्य के युद्ध विमानों का वैश्विक हब बन सकता है।  रूस ने पहली बार इतनी व्यापक तकनीक ट्रांसफर की पेशकश की है और यह भारत की वायु शक्ति को 2030 के दशक में सुपरस्टेल्थ युग में ले जा सकती है।

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