रूस-यूक्रेन युद्ध की सुगबुगाहट : 20 हजार भारतीय छात्र फंसे, फ्लाइट किराया भी बढ़ा !

भारतीय दूतावास ने खासतौर पर यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटने के लिए कहा है। यह सलाह यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव के युद्ध में बदलने की आशंका के कारण दी गई है। वही अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे, जापान, लातविया और डेनमार्क पहले ही अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कह चुके हैं, जबकि यूक्रेन में 20 हजार से ज्यादा छात्र अध्ययनरत हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध की सुगबुगाहट : 20 हजार भारतीय छात्र फंसे, फ्लाइट किराया भी बढ़ा !

रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। इससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गई है। रूस ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए तैयारी कर रहा है। वहीं रूस की मुख्य मांगों में नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना शामिल है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है। इसके बाद से दोनों देश एक दूसरे के आमने-सामने युद्ध जैसे हालात में पहुंच चुके हैं|

गौरतलब है कि बीती रात यूक्रेन के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर जो संदेश पोस्ट किया है उसके बाद से भारतीय छात्रों में डर का माहौल है। वही छात्रों का कहना है कि यहां बहुत सी अफवाहें भी फैल रही हैं। हम नहीं चाहते कि कोई अफवाह फैले या डर का कोई माहौल बने। भारतीय दूतावास ने यूक्रेन छोड़ने के लिए एक सुझाव पत्र यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को भेजा है।

पूर्वी यूरोप में इस विवाद के कारण युद्ध होने की संभावना के बीच यूक्रेन में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 20 हजार भारतीय छात्र परेशानी में हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, पंजाब और राजस्थान से हैं। इन छात्रों को वापस भारत लाने के लिए दिल्ली स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका भी दायर की गई है। पूरे देश से 18 से 20 हजार भारतीय स्टूडेंट्स यूक्रेन की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए गए हैं। भारत सरकार की तरफ से अभी तक इनके जीवन से जुड़े गंभीर मसले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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