28 C
Mumbai
Tuesday, November 26, 2024
होमदेश दुनिया"सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास": PM

“सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास”: PM

Google News Follow

Related

75 वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ हमारे सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पीएम ने कहा है कि आजादी के सौ साल पूरे होने पर देश पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो और हमें इस दिशा में आगे बढ़ना है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में हमारे डॉक्टर, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक हों, सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सब भी वंदन के अधिकारी हैं।

भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी हों, देश को एकजुट राष्ट्र में बदलने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का रास्ता दिखाने वाले बाबासाहेब अम्बेडकर, देश ऐसे हर व्यक्तित्व को याद कर रहा है, देश इन सबका ऋणी है।

मोदी ने कहा कि हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

पीएम ने कहा कि यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, नए भारत के सृजन का ये अमृत काल है। इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आज़ादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी, गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी।

उन्होंने कहा, “अमृतकाल का लक्ष्य है भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्धि के नए शिखरों का आरोहण। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे।”

हमें अभी से जुट जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है। यही समय है, सही समय है। बदलते हुए युग के अनुकूल हमें भी अपनेआप को ढालना होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। आज सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। पहले की तुलना में हम तेजी से आगे बढ़े लेकिन सिर्फ यहां बात पूरी नहीं होती।

पीएम की अहम बातें-

-हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों की ताक़त का ही परिणाम है कि आज भारत को किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा।

-आज हम गौरव से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम भारत में चल रहा है। हम 54 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगा चुके हैं।

-जब सरकार ये लक्ष्य बनाकर चलती है कि हमें समाज की आखिरी पंक्ति में जो व्यक्ति खड़ा है उस तक पहुंचना है तो न कोई भेदभाव हो पाता है न ही भ्रष्टाचार की गुंजाइश रहती है। देश के हर गरीब व्यक्ति तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है।

-सरकार अपनी अलग अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, फोर्टिफाई करेगी। गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी। राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड डे मिल में बालकों को मिलने वाला चावल हो वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएग।

-मेडिकल शिक्षा में जरूरी बड़े सुधार भी किए गए हैं। प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर भी उतना ही ध्यान दिया गया है। साथ साथ देश में मेडिकल सीटों में भी काफी बढ़ोतरी की गई है। बहुत जल्द देश के हजारो अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट भी होंगे।

-21वीं सदी में भारत को नई उंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल समय की मांग है, बहुत ज़रूरी है। इसके लिए जो वर्ग और क्षेत्र पीछे है उनकी हैंडहोल्डिंग करनी ही होगी।

-आज नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी का नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये कनेक्टिविटी दिलों की भी है और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी है। नार्थ ईस्ट की सभी राजधानियों को रेल सेवा से जोड़ने का काम बहुत जल्द पूरा होने वाला है।

-सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है। जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।

-लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बना रही है।

-देश के जिन ज़िलों के लिए ये माना गया था कि ये पीछे रह गए, हमने उनकी आकांक्षाओं को भी जगाया है। देश मे 110 से अधिक आकांक्षी ज़िलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, रोज़गार, से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं।

-कोरोना के दौरान देश ने तकनीकी की ताकत और हमारे वैज्ञानिकों की सामर्थ्य और प्रतिबद्धता को देखा है। देश के हर क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिक सूझबूझ से काम कर रहे हैं। समय आ गया है कि हम अपने कृषि क्षेत्र में भी वैज्ञानिकों की क्षमताओं और उनके सुझावों को भी जोड़ें।

-छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।

-हमें कृषि क्षेत्र की एक बड़ी चुनौती की ओर भी ध्यान देना है। ये चुनौती है गांव के लोगों के पास कम होती जमीन। किसानों की जमीन छोटी होती जा रही है। देश के 80% से भी अधिक किसान ऐसे हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है।

-फसल बीमा योजना में सुधार हो, एमएसपी डेढ़ गुना करने का निर्णय हो, छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से सस्ते दर से बैंक से कर्ज़ मिले इसकी व्यवस्था हो, सोलर पावर से जुड़ी योजनाओं को खेत तक पहुंचाने की बात हो, किसान उत्पादक संगठन हो, सारे प्रयास छोटे किसानों की ताकत बढ़ाएंगे।

-छोटे किसानों की ताकत बढ़ाएंगे। आनेवाले समय मे ब्लॉक स्तर तक वेयरहाउस की सुविधा बनाने का भी अभियान चलाया जाएगा। हमारा मंत्र, संकल्प और सपना है कि ‘छोटा किसान बने देश की शान’। आने वाले वर्षों में देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा, नई सुविधाएं देनी होंगी।

-धारा 370 को बदलने का ऐतिहासिक फैसला हो, देश को टैक्स के जाल से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था- GST हो, हमारे फौजी साथियों के लिए वन रैंक वन पेंशन हो, या फिर रामजन्मभूमि केस का शांतिपूर्ण समाधान, ये सब हमने बीते कुछ वर्षों में सच होते देखा है।

-आज दुनिया, भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है।

-देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी।आज जिस गति से देश में नए हवाईअड्डों का निर्माण हो रहा है, उड़ान योजना दूर-दराज के इलाकों को जोड़ रही है, वो भी अभूतपूर्व है।

-भारत को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में होलिस्टिक अप्रोच अपनाने की भी जरूरत है। भारत आने वाले कुछ ही समय में प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान को लॉन्च करने जा रहा है।

-100 लाख करोड़ से भी अधिक की योजना लाखो नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आने वाली है। तिशक्ति हमारे देश के लिए एक ऐसा नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर मास्टरप्लान होगा जो होलिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नीव रखेगा। हमारी अर्थव्यवस्था को एक इंटीग्रेटेड और होलिस्टिक पाथवे देगा।

-देश के सभी मैन्यूफैक्चर्स को भी ये समझना होगाआप जो उत्पाद बाहर भेजते हैं वो आपकी कंपनी में बनाया हुआ सिर्फ एक उत्पाद नहीं होता। उसके साथ भारत की पहचान, प्रतिष्ठा और भारत के कोटि-कोटि लोगों का विश्वास जुड़ा होता है।

-मैं इसलिए मनुफक्चरर्स को कहता हूं कि आपका हर एक प्रॉडक्ट भारत का ब्रैंड एंबेसेडर है। जब तक वो प्रॉडक्ट इस्तेमाल में लाया जाता रहेगा, उसे खरीदने वाला कहेगा – हां ये मेड इन इंडिया है।

-जीवन को आगे बढ़ाने में जो भी प्रभावी माध्यम हैं उसमें एक खेल भी है। जीवन में संपूर्णता के लिए खेलकूद होना बहुत आवश्यक है। अब देश में फिटनेस और खेल को लेकर एक जागरुकता आई है। इस बार ओलंपिक में भी हमने देखा है। ये बदलाव हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट हैं।

-आज देश में खेलों में टैलेंट, टेक्नोलॉजी और प्रोफेश्नलिज्म लाने के लिए जो अभियान चल रहा है। इस दशक में हमें उसे तेज और व्यापक करना है। देश के लिए गर्व की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड के नतीजे हों या ओलंपिक का मैदान हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं।

-सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके भारत ने देश के दुश्मनों को नए भारत के सामर्थ्य का संदेश भी दे दिया है। ये बताता है कि भारत बदल रहा है। भारत कठिन से कठिन फैसले भी ले सकता है और कड़े से कड़े फैसले लेने में भी भारत झिझकता नहीं है, रुकता नहीं है।

-दुनिया भारत को नई दृष्टि से देख रही है। इसके दो महत्वपूर्ण पहलू हैं, आतंकवाद और विस्तारवाद। भारत इन दोनो चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे तरीके से हिम्मत से जवाब दे रहा है। देश को विश्वास दिलाता हूं कि देश की रक्षा में लगी सेनाओं के हाथ को मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगे।

75 नयी वंदेभारत ट्रेन चलाएगा रेलवे

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह ऐलान किया कि 75 सप्ताह के अंदर 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ेंगे. यहां चर्चा कर दें कि देश में फिलहाल दो रूट पर वंदेभारत एक्सप्रेस चलई जा रही है। वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेनें मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत बनाने का काम किया जा रहा है जो 90 फीसदी तक स्वदेसी हैं।

 

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,292फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
198,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें