व्यर्थ न हो बलिदान; कठुआ में आतंकियों का जवानों पर घात लगाकर हमला, हमलें में स्थानिक भी शामिल!

बताया जा रहा है की दो स्थानिक और दो से तीन आतंकवादियों ने मिलकर ऊंचाई की जगह और आर्मी की गाडी का रास्ता की पहले से रेकी कर ली थी। इस हमले से पहले ही आतंकियों ने इस भाग में अपने कुछ जासूस रखे थे, जिसमें एक स्थानीक ने इन्हे इलाके की जानकारी दी, और कुछ ने हमले के बाद इन्हे सुरक्षित तरीके से भाग जाने में सहायता की।

व्यर्थ न हो बलिदान; कठुआ में आतंकियों का जवानों पर घात लगाकर हमला, हमलें में स्थानिक भी शामिल!

Sacrifice should not be in vain; Terrorists ambush soldiers in Kathua, locals also involved in the attack!

सोमवार (8 जुलाई ) के दिन जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले से गुजर रहें जवानों के गाड़ी पर घात लगाए आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमलें में भारीतय सेना के पांच जवान शहीद हो गए| और छह जवान घायल हुए है, जिनका अस्पताल में उपचार जारी है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकवादी संगठन ने लिया है। इनके द्वारा बताया गया कि डोडा में मारे गए अपने 3 आतंकिवादी साथियों के मौत का बदला लेने के लिए सेना पर हमला किया गया|

जम्मू के कठुआ जिले में बिल्लावर पहाड़िया है, जो जंगल से सटी है, वहीं पर बडनोटा गांव से गुजरते हुए आतंकवादियों ने हमला किया। बता दें की बडनोटा के इस इलाके में रास्ते संकरे और कच्चे है, जिस वजस से गाड़ियों को 20 की स्पीड से जाना भी संभव नहीं है। ऐसे में घात लगाए आतंकियों को इस इलाके की पूरी जानकारी थी, जो स्थानिकों ने दी है ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है।

हमले करते समय आतंकी आधुनिक हथियारों से लैस थे। उनके पास आधुनिक एम्- 4 असॉल्ट रायफल और ग्रेनेड्स थे। इन हथियारों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने धीमी गति से चल रही आर्मी की गाडी को ऊंचाई पर बैठ कर निशाना बनाया। आर्मी की गाडी पर ग्रेनेड्स फेंकने के बाद उनके द्वारा अंधाधुंद फायरिंग शुरू कर दी गयी। इस हमलें में पांच जवानों को वीरगति प्राप्त हुई| जबावी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन आतंकवादी घने जंगल का फायदा उठाते हुए भाग गए।

बताया जा रहा है की दो स्थानिक और दो से तीन आतंकवादियों ने मिलकर ऊंचाई की जगह और आर्मी की गाडी का रास्ता की पहले से रेकी कर ली थी। इस हमले से पहले ही आतंकियों ने इस भाग में अपने कुछ जासूस रखे थे, जिसमें एक स्थानीक ने इन्हे इलाके की जानकारी दी, और कुछ ने हमले के बाद इन्हे सुरक्षित तरीके से भाग जाने में सहायता की।

आज सुबह से ही कठुआ में आर्मी का सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है, इस बीच घना जंगल, पहाड़ी इलाका, धुए के कारण आर्मी को कठनाई का सामना करना पड़ रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हमलें की निंदा करते हुए बलिदानी वीरों के लिए शोक व्यक्त किया है, साथ ही कहा है की सेना शांति प्रस्थापित बनाने के लिए दृढ़ है।

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