मोदी सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये इकट्ठे किया है।
सुप्रीम कोर्ट के 31 अगस्त 2012 के आदेश और उसके बाद के आदेशों के अनुसार, सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा की गई 25,781.37 करोड़ की मूल राशि के मुकाबले 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
संसद में सरकार ने कहा, “सेबी को 81.70 करोड़ रुपये की कुल मूल राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पास बुक से जुड़े कुल 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं। SEBI ने 138.07 करोड़ रुपये (यानी मूलधन के रूप में 70.09 करोड़ रुपये और ब्याज के रूप में 67.98 करोड़ रुपये) की कुल राशि 48,326 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पासबुक वाले 17,526 एलिजिबल बॉन्डहोल्डर्स को रिफंड किया है।
लोकसभा में पंकज चौधरी के बयान के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों और सुप्रीमकोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस(रिटायर्ड)बी एन अग्रवाल द्वारा दी गई सलाह के आधार पर सेबी ने रिफंड किया है।सेबी ने 21.10.2021 को एक इंटरलोक्यूटरी एप्लिकेशन भी दायर की है, जिसमें मामले में सुप्रीम कोर्ट से और निर्देश मांगे गए हैं।
सहारा इंडिया के निवेशकों को उनका पैसा कब वापस मिलेगा के सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड नाम की दो विशेष सहारा कंपनियों से संबंधित आदेश जारी किए हैं।
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