असम की कुर्सी संभालते ही सरमा ने देखा यह सपना, क्या होगा सच?   

असम की कुर्सी संभालते ही सरमा ने देखा यह सपना, क्या होगा सच?   

गुवाहाटी। असम में एक बार फिर बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. सरमा असम के 15वें मुख्यमंत्री बने. इससे पहले बीजेपी नेता सर्बानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री थे। नए सीएम ने असम को टॉप -5 राज्यों में शामिल करने जोर दिया, इसके आलावा उल्फा को बातचीत के लिए बुलाया। बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा बीजेपी में आने से पहले कांग्रेस में थे। कांग्रेस में तवज्जो नहीं  बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मिलने का समय नहीं दिए जाने पर उन्होंने आलोचना की थी।
शपथ लेने के बाद कहा हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि आने वाले पांच सालों में असम देश के टॉप-5 राज्यों में से एक हो. इसी के साथ ही कहा, ‘मैं उल्फा (आई) कमांडर इन चीफ परेश बरुआ से हिंसा को रोकने और बातचीत की मेज पर आने का आग्रह करता हूं. शांति वार्ता के लिए दोनों पक्षों को आगे आना होगा’. मुख्यमंत्री ने कहा, “अपहरण और हत्याओं से समस्याएं सुलझने के बजाय और बढ़ती हैं. मैं परेश बरुआ से अनुरोध करता हूं कि बातचीत की मेज पर आएं और मुद्दों को सुलझाएं. मुझे उम्मीद है कि हम अगले पांच सालों में विद्रोहियों को मुख्यधारा में वापस लौटने के लिये तैयार कर लेंगे.” बता दें कि पिछले साल गुवाहाटी में एक स्थानीय असमिया न्यूज चैनल  बातचीत में बरुआ ने कहा था कि उल्फा केवल केंद्र सरकार के साथ बातचीत में शामिल होगा. देखना होगा कि असम के नए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की इस अपील का उल्फा क्या जवाब देता है.वहीं, जब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के बारे में पूछा गया तो  उन्होंने कहा कि उनकी सरकार असम के सीमावर्ती जिलों में 20 प्रतिशत नामों और अन्य इलाकों में 10 प्रतिशत नामों को फिर से वैरिफाई करना चाहती है.

 

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