यूएई की राजधानी अबू धाबी में 8 और 9 मई को वर्ल्ड मुस्लिम कम्युनिटीज काउंसिल की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस हुई| इस कॉन्फ्रेंस में यूएई, रूस, तुर्की, सीरिया, मिस्र और अजरबैजान समेत कई देशों के मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने भाग लिया| इस दौरान कॉन्फ्रेंस में मिस्र के मंत्री ने जो भाषण दिया, वह काफी चर्चा व सुर्खियां बटोर रहा है|
मिस्र के मंत्री डॉ. मोहम्मद मोख्तार गोमा ने इस्लामिक एकता को लेकर कहा, मुस्लिम समाज को दो तरीकों से एकजुट किया जा सकता है| पहला विवेकशील और तर्कसंगत तरीका है, जिसकी मिसाल इस कॉन्फ्रेंस के जरिये दी जा रही है|
वही, उन्होंने कहा कि दूसरा तरीका काल्पनिक और असंभव है, जिसका इस्तेमाल चरमपंथी और आतंकवादी संगठन अपने फायदे के लिए कर रहे हैं| ये दुनियाभर के मुस्लिमों को एक राष्ट्र और एक झंडे के तहत लाने का प्रयास कर रहे हैं| उन्होंने कहा, हमारे आधुनिक समय में किसी नवगठित देश के तहत इस्लामिक एकता लाने की असंभव कोशिश करने के बजाय अपने देश, झंडे और भूमि के प्रति ईमानदारी रखना अधिक जरूरी है|
डॉ. गोमा ने कहा कि यह व्यर्थ का प्रयास राष्ट्र को कमजोर करता है और गैर मुस्लिम समुदायों में रह रहे मुस्लिम अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करता है| इस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक ने कहा कि मुस्लिम समाज में एकता का आधार विज्ञान होना चाहिए|
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