लखनऊ। अभी उत्तर प्रदेश में धर्मान्तरण का मुद्दा ठंडा ही नहीं हुआ था कि राज्य में एक आईएएस द्वारा एक दूसरा धर्म प्रचार करने का मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष भारती प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का अपने सरकारी आवास पर एक धार्मिक सभा आयोजित कर इस्लामिक प्रचार का वीडियो हो रहा है। वहीं इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी गठित की है।
कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो उस वक्त का है जब इफ्तिखारउद्दीन कानपुर के मंडलायुक्त थे। यह नहीं पता चला सका है कि वीडियो किस तारीख का है। वीडियो में आईएएस अधिकारी कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठे नजर आ रहे हैं और कथित रूप से देश के हर घर तक इस्लाम फैलाने की नीतियों पर बात कर रहे हैं। ऐसा ही एक अन्य वीडियो भी जारी हुआ है जिसमें इफ्तिखारउद्दीन अपने सरकारी आवास में जमीन पर बैठे हैं और एक वक्ता कट्टरता भरा बयान दे रहा है।
भूपेश अवस्थी नामक व्यक्ति ने इस मामले में इफ्तिखारउद्दीन के खिलाफ राज्य सरकार से लिखित शिकायत की थी और उसने वीडियो भी उपलब्ध कराए थे। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से बातचीत में इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया है।
गृह विभाग ने एक ट्वीट में बताया कि कानपुर के आईएएस अधिकारी इफ्तिखारउद्दीन के मामले में शासन ने एसआईटी को जांच के आदेश दिए हैं। एसआईटी के अध्यक्ष सीबीसीआईडी के महानिदेशक जीएल मीणा हैं जबकि कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर इसके सदस्य हैं। एसआईटी सात दिनों के अंदर शासन को अपनी रिपोर्ट देगी। कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि अपर पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) सोमेंद्र मीना को आईएएस अधिकारी इफ्तिखारउद्दीन के उन कथित वीडियो की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि वीडियो की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।