खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के सात सहयोगियों को अजनाला थाने पर हमले के मामले में अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इन सभी को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस अब इनसे गहन पूछताछ करेगी, जिसमें उनके मोबाइल फोन की बरामदगी और हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों से जुड़ी जानकारी जुटाने की कोशिश होगी।
23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में लगभग 200-250 समर्थकों ने अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था। ये सभी हथियारों से लैस थे और इनका मकसद लवप्रीत सिंह तूफान को पुलिस की हिरासत से छुड़ाना था। इस दौरान समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और थाने में घुसकर पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इस हिंसक हमले में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
घटना के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके कई सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया है, जबकि उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया।
अजनाला अदालत में पेश किए गए आरोपियों में बसंत सिंह, भगवंत सिंह बाजेखाना, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, सरबजीत सिंह कलसी, रणजीत सिंह कलसी, गुरिंदर पाल सिंह गुरी औजला और हरजीत सिंह उर्फ चाचा शामिल हैं।पुलिस ने सातों आरोपियों के सात दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने चार दिन की रिमांड मंजूर की। इस दौरान पुलिस उनसे पूछताछ कर हमले की विस्तृत जानकारी जुटाएगी।डीएसपी इंद्रजीत सिंह ने कहा, “हम इनसे पूछताछ कर हमले से जुड़े सबूत इकट्ठा करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि इसके पीछे और कौन लोग शामिल थे।”
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पंजाब पुलिस अब इस मामले की जांच तेज कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह के अन्य करीबियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इसके अलावा, जिन हथियारों का इस्तेमाल अजनाला हमले में हुआ था, उनकी बरामदगी के लिए भी विशेष अभियान चलाने की तैयारी हो रही है।
सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि यह हमला पंजाब में कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती देने जैसा था। आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और बड़े खुलासे हो सकते हैं।