शीतकालीन ओलंपिक: चीनी सैनिक को मशाल धारक चुने जाने पर भड़का US

अमेरिका, भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा

शीतकालीन ओलंपिक: चीनी सैनिक को मशाल धारक चुने जाने पर भड़का US
​चीन की राजधानी बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। ओलंपिक मशाल लाने वाले व्यक्ति को लेकर अमेरिका सीनेट की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी है। इसी तरह अपने ट्वीट में जिम ने कहा कि यह शर्मनाक है कि बीजिंग ओलंपिक 2022 मशाल धारक एक ऐसे व्यक्ति को चुना गया है, जो चीन के सैन्य कमान का हिस्सा था, जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था और उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है। अमेरिका सीनेट उइगर की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा|

अमेरिकी​ ​सीनेटर मार्को रुबियो ने ​अपने एक अन्य ट्वीट में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बीजिंग शीतकालीन खेल 2022 के राजनीतिकरण का एक और अपमानित करने वाला बताया​​ है। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा, 2020 में गलवान झड़प में शामिल रहे सैनिक को मशाल धारक के रूप में चुनना जानबूझकर उकसाने वाला कदम है।​ वहीं भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के मामलों के प्रमुख 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है। ​ ​

चीन ​में आयोजित बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों को लेकर ​बुधवार को की फाबाओ को खेलों की मशाल रिले में मशाल धारक के रूप में पेश किया था। पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजीमेंटल कमांडर फाबाओ जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे।​ 

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