जिंदाबाद ए मोहब्बत जिंदाबाद:तुझे मोहब्बत से है पाना,तू क्या,खुदा भी आए तो…

जिंदाबाद ए मोहब्बत जिंदाबाद:तुझे मोहब्बत से है पाना,तू क्या,खुदा भी आए तो…

कन्नौज। प्रेम की हमेशा जीत हुई है। अगर उसमें समर्पण, सहनशक्ति, सच्चा प्यार आदि हो तो सच्चा प्यार अपना प्यार हासिल कर ही लेता है। ऐसा ही एक मिसाल कायम की है शिवा यादव ने। उसने अपने प्यार को पाने के लिए अपने प्रेमी के चौखट पर धरना पर बैठ गई और मोहब्बत की जंग जीत ली। शिवा ने जिस तरह से अनुज को पाया उसके लिए यह लाइन सटीक बैठती है।

” तुझे मोहब्बत से है पाना, तू क्या, खुदा भी आये तो सजदे में है सिर झुकाना”। इटावा की भरथना कोतवाली के ग्राम नगला अजीत की रहने वाली शिवा यादव का प्रेम प्रसंग थाना क्षेत्र के ग्राम नगला विशुना निवासी अनुज यादव पुत्र कुंवर बहादुर यादव से काफी समय से चल रहा था। दोनों एक-दूसरे से मिला करते थे। दोनों शादी करने के लिए भी रजामंद थे,लेकिन अनुज के घर वाले शिवा को अपनी बहू बनाने को तैयार नहीं थे। इसके बाद शिवा ने बड़ा फैसला लेते हुए अपना घर छोड़ दिया। शिवा हरहाल में अनुज को अपना बनाना चाहती थी। वह 13 मई को पचास किलोमीटर दूर अनुज के घर आ गई।

जब अनुज के घर वाले शिवा को देखा तो सबके होश उड़ गए। अनुज परिजनों सहित मकान में ताला लगाकर गायब हो गया। इससे शिवा ने अनुज को पाने के लिए उसके घर के बरामदे में धरना पर बैठ गयी। शिवा को हटाने के लिए अनुज के परिजनों ने हर हथकंडा अपनाया लेकिन वह सच्चे प्यार की दुहाई देते हुए डटी रही। आखिरकार शिवा का त्याग रंग लाया। रिश्तेदारों ने पहल कर दोनों का विवाह सकरावा के बालाजी मंदिर में करा दिया। शादी में अनुज के माता-पिता शामिल नहीं हुए। शादी की सभी रस्में शिवा के पिता सतीश यादव ने निभाईं। इस दौरान जगवीर सिंह, जिलेदार सिंह, मनोज यादव सहित कई रिश्तेदार मौके पर मौजूद रहे।

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