मध्यप्रदेश एटीएस का चौकाने वाला खुलासा: 16 में 8 धर्मांतरण कर बने थे मुस्लिम!

मध्य प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार इन 16 में से  8 सदस्य ऐसे हैं, जिनका ब्रेनवाश कर के उन्हें मुस्लिम बना दिया गया। इस संगठन के कुछ सदस्यों ने हिंदू लड़कियों से शादी कर के उन्हें भी इस्लाम कबूल करवाया है।

मध्यप्रदेश एटीएस का चौकाने वाला खुलासा: 16 में 8 धर्मांतरण कर बने थे मुस्लिम!

Shocking disclosure of ATS in Madhya Pradesh: 8 out of 16 converted to Islam

आतंकी इस्लामी संगठन हिज्ब उत् तहरीर ( एचयूटी ) के कुल 16 सदस्यों को ले कर नए खुलासे हुए हैं। मध्य प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार इन 16 में से  8 सदस्य ऐसे हैं, जिनका ब्रेनवाश कर के उन्हें मुस्लिम बना दिया गया। इस संगठन के कुछ सदस्यों ने हिंदू लड़कियों से शादी कर के उन्हें भी इस्लाम कबूल करवाया है। एचयूटी का प्रमुख सलीम हैदराबाद में ओवैसी के स्वामित्व वाले मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर था जिसे एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हिज्ब-उत्-तहरीर प्रमुख को हैदराबाद से मोहम्मद सलीम और भोपाल से जिम ट्रेनर यासिर खान है। सलीम मूल रूप से भोपाल का रहने वाला है | वह हिन्दू था, जिसका ननाम सौरभ राजवैद्य था। साल 2009 में सौरभ की शादी हुई थी। साल 2010 में जब सौरभ ने इस्लाम कबूल किया तो उसके घर वालों ने इसका काफी विरोध किया। मोहम्मद सलीम बन चुके सौरभ ने साल 2012 में अपनी पत्नी को भी मुस्लिम बना दिया। सौरभ ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट लेने का प्रयास किया पर उसे सफलता नहीं मिली।

बात दें कि सौरभ उर्फ़ सलीम हैदराबाद शिफ्ट हो गया। यहां वह मोहम्मद सलीम को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के बायोटेक्निकल डिपार्टमेंट में प्रोफेसर की नौकरी मिल गई। यहां वह कॉलेज में भी भड़काऊ भाषण  देता रहता था। सौरभ उर्फ़ सलीम को विदेश में ट्रेनिंग दी गई। उसने काफी कम समय में अपने संगठन से 100 लोगों को जोड़ लिया था। मध्य प्रदेश एटीएस ने उसे डेक्कन कॉलेज गोलकुंडा से गिरफ्तार किया है। सौरभ के अलावा ओडिशा के देवी प्रसाद पांडा ने और हैदराबाद के वेणु कुमार ने इस्लाम कबूल कर के अपने नाम क्रमशः अब्दुल रहमान व मोहम्मद अब्बास रख लिए थे।

फ़िलहाल मध्य प्रदेश एटीएस मोहम्मद सलीम, अब्दुल रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैद और मोहम्मद हामिद को ले कर हैदराबाद जा रही है। यहाँ उनके नेटवर्क को गहनता से छानबीन की  जाएगा। साथ ही इस गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों के ठिकानों पर दबिश दी जाएगी।

बता दें कि हिज्ब उत् तहरीर उर्फ तहरीक-ए-खिलाफत इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है, जिसके तार 50 देशों में हैं। 16 देश इस संगठन को बैन कर चुके हैं। ATS द्वारा गिरफ्तार संदिग्धों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग गुप्त रूप में जंगलों में हुआ करती थी। आपसी बातचीत के लिए ये सभी डार्क वेब के विभिन्न चैनलों का इस्तेमाल करते थे। भारत के कई शहर “एचयूटी” के निशाने पर थे जिनकी रेकी के लिए आरोपितों ने ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
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