नई दिल्ली। कर्नाटक के नागरहोल राष्ट्रीय पार्क का नाम बदलने के लिए एक ऑनलाइन याचिका शुरू की है। इस याचिका की शुरुआत राज्य के दो नागरिकों ने शुरू की है। दरअसल,यह पार्क पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर है जिसे बदलकर फील्ड मार्शल केएम के नाम पर रखने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया है। इस याचिका पर अब तक आठ हजार से अधिक निवासियों द्वारा हस्ताक्षर किया गया है। इस अभियान को बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा समर्थन प्राप्त है। बता दें कि इस याचिका में कहा गया है कि राज्य संस्थाओं का नाम ” सिर्फ एक विशेष परिवार और उसकी पार्टी को खुश करने के लिए ” नहीं होना चाहिए।
बता दें कि कर्नाटक के कोडागु जिले के दो निवासियों द्वारा शुरू की गई इस मांग में कहा गया है कि, सार्वजनिक संस्थाओं का नाम अन्य परमवीरों के नाम पर रखा जाना चाहिए, जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।इस याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राज्य संस्थाओं का नाम “सिर्फ एक विशेष परिवार और उसकी पार्टी को खुश करने के लिए” नहीं होना चाहिए। उन्होंने अपनी याचिका में आगे कहा कि, “सभी योग्य नागरिकों को मान्यता दी जानी चाहिए, न कि केवल कुछ वंशवादी लोगों को ही।” बता दें कि याचिका के समर्थन में, भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने कर्नाटक के नए सीएम बसवराज बोम्मई को फील्ड मार्शल करियप्पा के नाम पर राष्ट्रीय रिजर्व पार्क का नाम बदलने के लिए लिखा है, क्योंकि वह जिले से संबंध रखते थे।
Requesting the Hon. @CMofKarnataka Bommai Sir, to rename Rajiv Gandhi Nagarahole National Park & Tiger Reserve as FM K.M.Cariappa Nagarahole National Park & Tiger Reserve lies in the jurisdiction of Mysuru & Kodagu District.
Pratap Simha,@mepratap
जानकारी के मुताबिक सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि, “भारत में 103 राष्ट्रीय पार्क है जिसमें से तीन पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर है, जिनमें नागरहोल राष्ट्रीय पार्क और टाइगर रिजर्व शामिल है, जो कामताका राज्य के मैसूर और कोडागु जिले के स्थित है।
ये क्षेत्र मेरे लोकसभा संसदीय क्षेत्र में आता है। वहीं उन्होंने लिखा कि, इसके अलावा देश के कई ऐसे अन्य राष्ट्रीय पार्क भी है जो नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर है। सिम्हा ने अपने अनुरोध पत्र में आगे लिखा कि, “कोडागु जिले के नागरिकों द्वारा एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया गया है, जिसमें कई लोग नागरहोल टाइगर रिजर्व को बदल कर मार्शल केएम करियप्पा के नाम पर रखना चाहते हैं, जो भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ थे।
कौन थे एफएम करियप्पा?: बता दें कि एफएम करियप्पा को राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना का सबसे अनुशासित जवान का श्रेय दिया जाता है। भारत सरकार ने 28 अप्रैल 1986 को करियप्पा को फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया और वह अपनी ईमानदारी, अनुशासन और स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते थे।