सीबीआई ने एक प्रेस रिलीज में बताया, “जांच एजेंसी ने 12 जुलाई 2025 को तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के पुलिसकर्मियों के खिलाफ अजीत कुमार की कथित हिरासत में मौत के संबंध में मामला दर्ज किया है, जो एक मंदिर में मंदिर रक्षक के रूप में तैनात थे।”
तमिलनाडु में अजित कुमार की मौत पर हंगामे के बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। शुरुआत में शिवगंगा जिले के थिरुप्पुवनम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। राज्य सरकार ने आगे की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया था।
फिलहाल सीबीआई ने भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 103 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच अपने हाथ में ले ली है।
यह कदम मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के निर्देश के बाद आया है, जिसमें सीबीआई को जांच संभालने और 20 अगस्त तक अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था। 8 जुलाई को मदुरै बेंच ने सीबीआई को अजित कुमार मामले में जांच के लिए एक टीम नियुक्त करने को कहा था। अदालत ने जांच अधिकारी (आईओ) को 20 अगस्त तक जांच पूरी करके संबंधित अदालत को अंतिम रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
शिवगंगा जिले में पुलिस ने मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड अजित कुमार को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि कथित तौर पर मंदिर के पास एक खड़ी कार में चोरी हुई थी। इस केस में एक मौखिक शिकायत की जांच पर अजित कुमार को पुलिस ने पकड़ा था।
29 जून को अजित कुमार मृत पाया गया। आरोप है कि पुलिस टीम ने हिरासत के दौरान अजित कुमार को टॉर्चर किया था, जिससे कथित तौर पर उसकी मौत हो गई। इस मामले में 6 पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए।
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