श्रीलंका गत कई महीने से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है| भारत ने इस विषम परिस्थिति में श्रीलंका को बाहर निकालने के मदत किया| श्रीलंका की मदत को लेकर चीन ने भारत की प्रशंसा किया है| वही, श्रीलंका के प्रधान मंत्री रानिल विक्रम सिंघे ने कहा की तेल खरीदने के लिए भारत के अलावा किसी देश मदत नहीं किया है|
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने बुधवार, 8 जून को पत्रकार परिषद का आयोजन किया था| इस अवसपर झाओ लीजियान ने पत्रकारों के समक्ष भारत की प्रशंसा किया| उन्होंने कहा की भारत सरकार ने श्रीलंका खूब मदत किया है| जब श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, तो कई लोग मदद करने से हिचक रहे थे। लेकिन भारत ने समय-समय पर श्रीलंका की मदद की है।
भारत ने अब तक श्रीलंका को 3.5 अरब खाद्य, दवा और ईंधन सहायता प्रदान की है। श्रीलंका दिवालिया होने के कगार पर है और भोजन, ईंधन, दवा और रसोई गैस से लेकर टॉयलेट पेपर और माचिस तक आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी का सामना कर रहा है। पिछले कुछ महीनों से सीमित स्टॉक खरीदने के लिए लोग लंबी कतारों में खड़े हैं। श्रीलंका ने आईएमएफ से कहा है कि सिर्फ भारत ही मदद कर रहा है।
प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टलियाना जॉर्जीवा से श्रीलंका के लिए जल्द ही एक सहायता कार्यक्रम लागू करने का आह्वान किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में भारत के अलावा कोई भी देश तेल के लिए भुगतान नहीं करता है। इस बीच, चीन ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए श्रीलंका को 500 मिलियन आरएमबी की सहायता देने का वादा किया है।
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