शेयर बाजार में आज की गिरावट कई बड़े कारणों से हुई, जैसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोरी, ट्रंप की टैरिफ नीति, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और IT सेक्टर की गिरावट आदि आदि है|हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव होता रहता है और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी हो सकता है|
अगर आप निवेश कर रहे हैं, तो धैर्य बनाए रखें और बाजार की चाल को समझकर ही कोई बड़ा फैसला लें| और किसी भी तरह के निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें|
बता दें कि आज भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली| खराब शुरुआत के बाद बीएसई सेंसेक्स दोपहर के कारोबार में 1,400 अंकों की गिरावट के साथ 73,201 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 में 426 अंकों की गिरावट आई और यह 22,119 पर आ गया| इस गिरावट की वजह सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी उठापटक देखने को मिल रही है|
भारतीय निवेशक भारत की तीसरी तिमाही (Q3) GDP रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है| आज भारत की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े जारी होंगे| अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में भारत की जीडीपी विकास दर लगभग 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है| यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है|
भारतीय बाजार पिछले 5 महीनों से लगातार गिरावट में है| निफ्टी ने फरवरी में अब तक 5% की गिरावट दर्ज की है| यह 29 सालों में सबसे लंबी गिरावट का सिलसिला है| वहीं, सेंसेक्स अपने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से 12,819 अंक नीचे आ चुका है| इससे निवेशकों का आत्मविश्वास कमजोर हो गया| नए निवेशक बाजार में पैसा लगाने से डर रहे हैं| इसका आने वाले समय में बाजार में नई लिस्टिंग और IPOs पर भी असर पड़ सकता है|
गौरतलब है कि बाजार में गिरावट हमेशा डराने वाली होती है, लेकिन यह स्थायी नहीं होती| इसलिए निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है| लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए यह खरीदारी का मौका भी हो सकता है| एक्सपर्ट की सलाह है कि घबराकर अपने शेयर न बेचें, बल्कि मजबूत कंपनियों में लंबी अवधि के लिए निवेश जारी रखें और बाजार में स्थिरता आने का इंतजार करें|
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