अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट का बहुत बड़ा फैसला आया है। गुरूवार को शीर्ष अदालत ने पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला सुनाया। इस दौरान अदालत ने कहा कि भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए जांच जरुरी है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अभय मनोहर सप्रे के नेतृत्व में यह कमेटी गठित की है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा था कि इस मामले की जांच के लिए वह अपनी तरफ से जांच कमेटी को गठित करेगा। इस कमेटी में अन्य सदस्य ओपी भट्ट, जेपी देवधर, केवी कामथ, शेखर सुंदरेशन और नंदन नीलकेनी शामिल हैं। जबकि कमेटी का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अभय मनोहर सप्रे करेंगे।
बता दें कि,अमेरिका की हिंडनबर्ग कंपनी की एक रिपोर्ट आने के बाद गौतम अडानी के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की गई। इसमें रिपोर्ट में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद से इस मामले में भारत के राजनीति गलियारे में जमकर गहमागहमी देखी गई। विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर अडानी ग्रुप को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाता रहा है। इसके अलावा जांच की मांग भी विपक्ष करता रहा। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमेटी बनाने फैसला किया है। इस मुद्दे को लेकर शीर्ष अदालत में चार याचिकाएं लगाई गई थी।
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