दुनियां में अपनी बदहाली पर आंसू बहता पाकिस्तान आज विदेशी कर्ज के आकंठ में डूबा हुआ है| वही पाकिस्तान के अधिकारियों को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। वस्तुत: एक प्रमुख स्विस बैंक से डेटा लीक होने से 1400 पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़े 600 खातों के बारे में जानकारी सामने आई है।
स्विट्जरलैंड में पंजीकृत एक निवेश बैंकिंग फर्म क्रेडिट सुइस से लीक हुए आंकड़ों के अनुसार, खाताधारकों में पूर्व-आईएसआई प्रमुख, जनरल अख्तर अब्दुर रहमान खान सहित कई प्रमुख राजनेता और जनरल शामिल हैं। एक प्रतिष्ठित समाचार में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अख्तर अब्दुर रहमान खान ने सोवियत संघ के खिलाफ उनकी लड़ाई का समर्थन करने के लिए अफगानिस्तान में मुजाहिदीन को अमेरिका और अन्य देशों से अरबों डॉलर नकद और अन्य सहायता में मदद की।
डॉन अखबार ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अफगानिस्तान में रूस की मौजूदगी से जूझ रहे मुजाहिदीन लड़ाकों के लिए सऊदी अरब और अमेरिकी फंडिंग अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के स्विस बैंक खाते में गई थी। इससे पहले जनवरी में, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) 2021 में पाकिस्तान 180 में से 140 वें स्थान पर था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16 स्थान कम था।
रिपोर्ट के हवाले से कहा गया, “इस प्रक्रिया में अंतिम प्राप्तकर्ता पाकिस्तान का इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ग्रुप (ISI) था, जिसे तत्कालीन अख्तर लीड कर रहे थे।” लेटेस्ट डाटा लीक 2016 में तथाकथित पनामा पेपर्स, 2017 में पैराडाइज पेपर्स और पिछले साल के पेंडोरा पेपर्स के बाद आया है। द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक स्व-वर्णित व्हिसल-ब्लोअर ने 18,000 से अधिक बैंक खातों पर डेटा लीक किया, जिसमें सामूहिक रूप से 100 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि थी। आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद है, क्योंकि लीक के बारे में और जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी।
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