सिडनी गोलीबारी: निहत्था आतंकी से भीड़ गया… आतंकी को दबोचकर छीन ली बंदूक

यहूदीयों पर अंधाधुंद गोलीबारी के बीच आदमी ने दिखाया साहस

सिडनी गोलीबारी: निहत्था आतंकी से भीड़ गया… आतंकी को दबोचकर छीन ली बंदूक

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में स्थित बॉन्डी बीच पर रविवार (14 दिसंबर) को हुई भीषण गोलीबारी के बीच एक निहत्थे व्यक्ति की असाधारण बहादुरी सामने आई है।  जब यहूदी समुदाय हनुक्का पर्व की पहली रात का आयोजन जारी था, “हनुक्का बाय द सी” नामक इस सार्वजनिक कार्यक्रम में सैकड़ों परिवार और बच्चे मौजूद थे, तभी अचानक गोलियों से पूरा इलाका दहल उठा, इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई है, और एक गंभीर रूप घायल है।

न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अनुसार, मृतकों में एक एक हमलावर भी शामिल है, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि काले कपड़ों में दो हमलावरों ने पुल या उसके आसपास से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मौके पर भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और चारों ओर चीख-पुकार का माहौल बन गया। आतंकी हमलावरों में एक की पहचान नावीद अकरम के रूप में की है।

इसी अफरातफरी के बीच एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने लोगों को हैरान कर दिया। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक हमलावर लगातार गोलियां चला रहा है। तभी एक निहत्था व्यक्ति, अपनी जान की परवाह किए बिना, पीछे से अचानक हमलावर पर झपटता है। वह उसकी गर्दन पकड़ता है, उसे काबू में करता है और उसकी राइफल छीन लेता है।

करीब 15 सेकंड के इस वीडियो में दिखता है कि वह व्यक्ति पहले खड़ी कारों के पीछे छिपा हुआ था। जैसे ही उसे मौका मिला, वह दौड़ते हुए बंदूकधारी के पास पहुंचा और पूरी ताकत से उस पर टूट पड़ा। हमलावर जमीन पर गिर गया, जबकि उस बहादुर व्यक्ति ने छीनी गई बंदूक उसकी ओर तान दी, जिससे आगे की हिंसा टल गई। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस त्वरित और साहसी कदम से कई और जानें बची।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर उस व्यक्ति की जमकर सराहना हो रही है। लोग उसे रियल हीरो और बॉन्डी बीच का बहादुर बता रहे हैं। हालांकि, अब तक उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है। पुलिस ने कहा है कि वीडियो की जांच की जा रही है और उस व्यक्ति से संपर्क कर औपचारिक बयान लिया जाएगा।

बॉन्डी बीच पर हुई यह गोलीबारी ऑस्ट्रेलिया के हालिया वर्षों की सबसे गंभीर हिंसक घटनाओं में गिनी जा रही है। हनुक्का जैसे धार्मिक और पारिवारिक आयोजन को निशाना बनाए जाने से समुदाय में गहरा आघात पहुंचा है। जांच एजेंसियां हमले की साजिश, हमलावरों की पृष्ठभूमि और संभावित आतंकी या नफरत से जुड़े पहलुओं की जांच कर रही हैं।

इस बीच, उस निहत्थे व्यक्ति की बहादुरी ने भय और अराजकता के बीच मानव साहस की एक मिसाल पेश की है, जिसने यह दिखाया कि सबसे अंधेरे क्षणों में भी साहस किसी भी हथियार से बड़ा हो सकता है।

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