तालिबानी राज: अल्पसंख्यक नेता की तोड़ी मूर्ति, बुद्ध प्रतिमा को बम से उड़ाया

तालिबानी राज: अल्पसंख्यक नेता की तोड़ी मूर्ति, बुद्ध प्रतिमा को बम से उड़ाया
 काबुल। तालिबान ने एक बार फिर अफगानिस्तान की धरोहरों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। आतंकी संगठन ने 20 साल पहले बर्ररता की हद पार कर दी दी थी. एक बार फिर अफगानिस्तान की सांस्कृतिक धरोहरों को नुककसन पहुंचा रहा है। तालिबानियों ने एक अल्पसंख्यक नेता की मूर्ति के साथ बुद्ध की प्रतिमाओं को बम से उड़ा दिया है। बताया जा रहा है  कि बमियाना में हाजरा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट सलीम जावेद ने ट्वीट किया कि …तो तालिबान ने बामियान में मारे गए हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को उड़ा दिया है। पिछली बार तालिबानियों उन्हें मार डाला था, बामियान स्थित बुद्ध की विशाल मूर्तियों और सभी ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों को उड़ा दिया था।
बता दें कि 20 साल पहले के अपने राज में तालिबान बर्बर सजाओं और क्रूर शासन के लिए कुख्यात है। गौरतलब है कि हजारा नेता अब्दुल अली मजारी एक हजारा नेता था, जिन्हें 1995 में तालिबान ने मार डाला था। तालिबान वर्षों से हजारा समुदाय पर बार-बार हमला करता रहा है। हजारा अल्पसंख्यक समूह है, जो मुख्य रूप से अफगानिस्तान के पहाड़ी मध्य क्षेत्र में केंद्रित है, जिसे हजराजत के नाम से जाना जाता है।
हजारों को मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज खान और मंगोल सैनिकों के वंशज कहा जाता है। दरअसल, बामियान के बुद्ध चौथी और पांचवीं शताब्दी में बनी बुद्ध की दो खडी मूर्तियां थीं, जो अफगानिस्तान के बामियान में स्थित थी। साल 2002 में अफगानिस्तान के जिहादी संगठन तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के कहने पर डाइनामाइट से उड़ा दिया गया था।
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