​PM​ ​मोदी ​ने​ ‘टाटा-एयरबस 295’ परियोजना का​ किया ​भूमिपूजन

पिछले आठ वर्षों में, हमने कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया है और ऐसा माहौल बनाया है। इन तमाम बदलावों की वजह से ही देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास की यात्रा इस मुकाम पर पहुंची है|

​PM​ ​मोदी ​ने​ ‘टाटा-एयरबस 295’ परियोजना का​ किया ​भूमिपूजन

​PM​ ​मोदी ​ने​ 'टाटा-एयरबस 295' परियोजना का​ किया ​भूमिपूजन

​टाटा-एयरबस सी-295 प्लांट की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी है। यह भूमिपूजन गुजरात के बड़ौदा में किया गया था। करीब 22 हजार करोड़ रुपये की ‘एयरबस-टाटा’ विमान निर्माण परियोजना के महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित होने के बाद राज्य में विवाद खड़ा हो गया है। नागपुर के मिहान में इस परियोजना को शुरू करने का शिंदे-फडणवीस सरकार का प्रयास विफल रहा।
​भूमि पूजा में बोलते हुए, नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही ‘मेड इन इंडिया’ यात्री विमान देखेगा। उन्होंने कहा, “बड़ौदा में बनने वाले ये विमान न केवल सेना को सशक्त बनाएंगे, बल्कि विमान निर्माण का एक नया पारिस्थितिकी तंत्र भी विकसित करेंगे। भारत जल्द ही ‘मेड इन इंडिया’ टैग के साथ विमान देखेगा|
वही, इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि ​भारत विमानन क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। हवाई परिवहन के मामले में हम जल्द ही शीर्ष तीन देशों में शामिल होंगे। अगले 10 से 15 साल में हमें 2 हजार पैसेंजर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की जरूरत होगी। इससे पता चलता है कि हम कितनी तेजी से विकास कर रहे हैं​|
​उन्होंने आगे कहा, “मानसिकता बदलना विकास का एक महत्वपूर्ण कारण है। पिछले कुछ सालों से सरकार इस सोच के साथ काम कर रही थी कि सब कुछ सरकार ही जानती है और सब कुछ उन्हें करना चाहिए। इस सोच के कारण देश की प्रतिभा सामने नहीं आ रही थी और निजी क्षेत्र का भी विकास नहीं हो रहा था।
पिछले आठ वर्षों में, हमने कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया है और ऐसा माहौल बनाया है। इन तमाम बदलावों की वजह से ही देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास की यात्रा इस मुकाम पर पहुंची है|
​रक्षा सचिव अजय कुमार ने गुरुवार को नई दिल्ली में घोषणा की कि गुजरात के बड़ौदा में भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 कार्गो विमान के निर्माण के लिए 22,000 करोड़ रुपये की परियोजना की स्थापना की जाएगी। यह परियोजना भारतीय वायु सेना के लिए विमान का उत्पादन करेगी। साथ ही वहां बनने वाले विमानों का निर्यात भी होगा। इससे भारतीय विमान निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

पिछले साल सितंबर में भारत ने एयरबस कंपनी के साथ 21 हजार करोड़ रुपये का समझौता किया था। इसके तहत पुराने एवरो-748 विमानों को नवीनतम सी-295 विमानों से बदला जाएगा। बड़ौदा में यह परियोजना 21,935 करोड़ रुपये की है और यहां निर्मित विमान का उपयोग यात्री परिवहन के लिए भी किया जा सकता है। विमान के 96 प्रतिशत​​ ​कल- ​पुर्जे भारत में बनाए जाएंगे।

सी-295 विमान (16 विमान) का पहला बेड़ा सितंबर 2023 से अगस्त 2025 तक सेविले, स्पेन के कारखाने से वितरित किया जाएगा। शेष 40 विमान टाटा एडवांस सिस्टम्स के साथ साझेदारी में भारत में निर्मित किए जाएंगे। भारतीय निर्मित पहला विमान सितंबर 2026 में वायु सेना के बेड़े में प्रवेश करेगा। यह पहली बार है​,​ जब C-295 का उत्पादन यूरोप के बाहर किया ​​गया है।

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