नई दिल्ली। 9/11 के हमले के बाद अमेरिका ने 2001 में अफगानिस्तान प्रवेश करने बाद तालिबान को सत्ता से बेदखल कर दिया। 20 साल तक अमेरिकी सैनिकों ने यहां समय बिताये और लगभग 2400 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई। अब 31 अगस्त 2021 अमेरिका ने पूरी तरह अफगानिस्तान को छोड़ दिया। यहां से उसने अपना आखिरी सैनिक मेजर जनरल क्रिस डोनहयु भी रवाना हो गए।
कौन हैं मेजर जनरल डोनह्यू : रक्षा विभाग अमेरिकी सैनिक की तस्वीर ट्वीट किया, ‘अफगानिस्तान छोड़ने वाले आखिरी अमेरिकी सैनिक मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू। वे 30 अगस्त 2021 को अमेरिकी वायुसेना के C-17 पर 82वें एयरबोर्न डिवीजन बोर्ड के कमांडिंग जनरल थे। इस तरह काबुल में अमेरिकी मिशन की समाप्ति हो गई है।’ सी-17 ग्लोबमास्टर में अफगानिस्तान में अमेरिकी राजदूत रहे रॉस विल्सन भी सवार थे।
अफगानिस्तान में अमेरिकी एंट्री : अमेरिका पर हुए 9/11 हमले के बाद अमेरिकी सेना ने साल 2001 में अफगानिस्तान में एंट्री मारी। इस तरह उसने अफगानिस्तान में आतंक-विरोधी अभियानों की शुरुआत की और तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंका। अफगानिस्तान युद्ध अमेरिकी इतिहास की सबसे लंबा युद्ध रहा। इस युद्ध में 2400 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मारे गए। अमेरिका ने 14 अगस्त के बाद अफगानिस्तान से कुल 123,000 लोगों को निकाला है। इनमें अमेरिकी नागरिक, अमेरिकी सहयोगी और अमेरिकी सहयोगी रहे अफगान नागरिक शामिल थे। यह अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट मिशन था।15 अगस्त को तालिबान ने राजधानी काबुल पर कब्जा जमाकर देश में अपनी वापसी पुख्ता कर दी।
दूतावास कतर में शिफ्ट: यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने सोमवार दोपहर कहा, “मैं यहां अफगानिस्तान से अपनी वापसी के पूरा होने और अमेरिकी नागरिकों, कमजोर अफगानों को निकालने के लिए सैन्य मिशन की समाप्ति की घोषणा करता हूं।” अमेरिका “आखिरी मानवयुक्त विमान अब अफगानिस्तान से निकल रहा है।” बता दें कि सैन्य उपस्थिति हटाने के साथ-साथ अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी राजनयिक उपस्थिति को भी खत्म कर दिया है और अपने दूतावास को कतर में शिफ्ट कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान से निकलने वाले हर अमेरिकी की मदद करेगा।
अफगानिस्तान प्रवासियों ने किया प्रदर्शन: बेल्जियम में रहने वाले अफगानिस्तान के प्रवासियों ने तालिबान द्वारा अपने देश के शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण के विरोध में सोमवार को राजधानी ब्रसेल्स में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। यूरोपीय आयोग (ईसी) और यूरोपीय बाहरी कार्रवाई सेवा (ईईएएस) भवन के सामने, शूमन सर्कल में विरोध का आयोजन किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने तालिबान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ नारे भी लगाए। विरोध प्रदर्शन में अफगान प्रवासी के लगभग 60-70 सदस्यों ने भाग लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों को सेना की लड़ाकू वर्दी पहने देखा गया।
अफगानिस्तान प्रवासियों ने किया प्रदर्शन: बेल्जियम में रहने वाले अफगानिस्तान के प्रवासियों ने तालिबान द्वारा अपने देश के शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण के विरोध में सोमवार को राजधानी ब्रसेल्स में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। यूरोपीय आयोग (ईसी) और यूरोपीय बाहरी कार्रवाई सेवा (ईईएएस) भवन के सामने, शूमन सर्कल में विरोध का आयोजन किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने तालिबान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ नारे भी लगाए। विरोध प्रदर्शन में अफगान प्रवासी के लगभग 60-70 सदस्यों ने भाग लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों को सेना की लड़ाकू वर्दी पहने देखा गया।