कोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता नंबर 1 और पहली मुखबिर (कथित बलात्कार पीड़िता) ने शादी कर ली है। दोनों सचेत हैं| उन्होंने अपनी पसंद से शादी की है. यह उनका फैसला है कि वे शादीशुदा हैं और पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं।’ इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता नंबर 1 और महिला के बीच मतभेद के कारण महिला ने झूठी एफआईआर दर्ज कराई है| यह शिकायत आवेश में आकर दी गई थी। रेप की झूठी शिकायत करने पर कोर्ट ने इस महिला पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है| लाइव लॉ ने इस बारे में रिपोर्ट दी है|
संबंधित महिला ने पुलिस आयुक्त, प्रयागराज को पत्र लिखकर स्वीकार किया है कि उसकी शिकायत झूठी थी। याचिकाकर्ता पर दबाव बनाने और मामले को निपटाने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी। अब उनकी शादी हो चुकी है| वे अपनी मर्जी से पति-पत्नी के रूप में खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं।
इसलिए ये पूरा मामला एक धोखा है और हम रेप की झूठी जानकारी देने वाली महिला पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाते हैं|’ यह जुर्माना राशि 10 दिन के अंदर जमा करानी होगी| अन्यथा, इसे भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जाएगा, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की पीठ ने अपने आदेश में कहा।
चंद्रयान 3 चंद्रमा के करीब पहुंच गया है और 9 अगस्त को अगली कक्षा में प्रवेश करेगा !