‘… तो 75 फीसदी यूजर्स UPI पेमेंट करना बंद कर देंगे’, ताजा सर्वे में हुआ खुलासा!

इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 75 प्रतिशत UPI भुगतान उपयोगकर्ताओं ने कहा कि यदि इस तरह का अधिभार लगाया गया तो वे UPI भुगतान सुविधा का उपयोग करना बंद कर देंगे!

‘… तो 75 फीसदी यूजर्स UPI पेमेंट करना बंद कर देंगे’, ताजा सर्वे में हुआ खुलासा!

survey-suggest-people-will-stop-using-upi-if-charges-levied-on-payments

यूपीआई भुगतान इन दिनों व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली प्रणाली है, न केवल घर पर, बल्कि मोबाइल-टू-मोबाइल भी। कोरोना काल के बाद से यूपीआई का इस्तेमाल एक हजार गुना बढ़ गया है। अब, रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर मॉल के चमचमाते शोरूम तक हर जगह क्यूआर कोड लगाए जाते हैं। मोबाइल में UPI पेमेंट ऐप खोलें, कोड स्कैन करें और पासवर्ड डालने के बाद पेमेंट हो जाएगा! लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऐसे UPI ट्रांजैक्शन पर सरचार्ज की बात चल रही है| यदि हां, तो क्या होगा? इस संबंध में सर्वेक्षण के निष्कर्ष अभी सामने आये हैं!

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह सर्वे ‘लोकलसर्कल्स’ नाम की संस्था ने कराया है। इसके अनुसार, लगभग 38 प्रतिशत उपभोक्ता अपना 50 प्रतिशत लेनदेन डेबिट, क्रेडिट कार्ड या किसी अन्य माध्यम के बजाय यूपीआई भुगतान के माध्यम से करते हैं। इस सर्वे में देशभर के 308 जिलों से 42 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। हालांकि, हर सवाल का लोगों ने अलग-अलग जवाब दिया। यूपीआई सरचार्ज अन्य सवालों में से एक था, जिसका जवाब 42,000 में से 15,598 लोगों ने दिया। यह सर्वे 15 जुलाई से 20 सितंबर के बीच किया गया।

क्या लोगों पर UPI भुगतान पर अधिभार लगाया जाएगा?: इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 75 प्रतिशत UPI भुगतान उपयोगकर्ताओं ने कहा कि यदि इस तरह का अधिभार लगाया गया तो वे UPI भुगतान सुविधा का उपयोग करना बंद कर देंगे! दिलचस्प बात यह है कि कुल उपयोगकर्ता प्रतिभागियों में से केवल 22 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें इस तरह के अधिभार से कोई आपत्ति नहीं होगी!

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में यूपीआई के जरिए किए जाने वाले भुगतान की राशि में पिछले साल की तुलना में रिकॉर्ड 57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है| इसके अलावा, यूपीआई के माध्यम से भुगतान की मात्रा में भी 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2022-23 में UPI के जरिए 8400 करोड़ पेमेंट ट्रांजेक्शन हुए| रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में यह रकम 13 हजार 900 करोड़ हो गई है|

10 में से 4 उपभोक्ता UPI का उपयोग करते हैं!: जैसा कि इस रिपोर्ट में बताया गया है, लगभग हर 10 में से 4 उपभोक्ता UPI भुगतान का उपयोग करते हैं। इसलिए इन लेनदेन पर सरचार्ज लगाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध हो रहा है| रिपोर्ट में कहा गया है, इसलिए, लोकल सर्कल्स इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों को केंद्रीय वित्त मंत्रालय को सौंपी गई ताकि इस संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले करोड़ों यूपीआई उपयोगकर्ताओं के विचारों को ध्यान में रखा जा सके।

यह भी पढ़ें-

अवैध घुसपैठों के साथ दलालों की गिरफ्तारी !

Exit mobile version