तिरूपति मंदिर के लड्डू विवाद: चार गिरफ्तार, प्रतिबंधित डेयरी से घी सप्लाई की रिपोर्ट!

पांच महीने पहले देश भर में चर्चा का विषय बने तिरुपति लड्डू घोटाले के मामले में सीबीआई की विशेष जांच टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है|

तिरूपति मंदिर के लड्डू विवाद: चार गिरफ्तार, प्रतिबंधित डेयरी से घी सप्लाई की रिपोर्ट!

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पिछले साल सितंबर में आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए बांटी जाने वाली करछुल पर बड़ा विवाद हुआ था| इन लड्डुओं में इस्तेमाल किए गए घी में जानवरों की चर्बी के अंश पाए जाने के बाद हंगामा मच गया था। राजनीतिक गलियारे में भी इसे लेकर माहौल गरमाया हुआ नजर आया| इस मामले में करीब पांच महीने बाद पहली गिरफ्तारी हुई है| कुल चार लोगों को सीबीआई की विशेष जांच टीम ने गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है|

सामने आई जानकारी के मुताबिक डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी के प्रबंध निदेशक आर. उत्तराखंड में भोले बाबा डेयरी के राजशेखरन, विपिन जैन और पोमिल जैन और नेल्लोर में वैष्णवी डेयरी के अपूर्व चावड़ा को गिरफ्तार किया गया है। इन चारों से पिछले तीन दिनों से पूछताछ चल रही है| इन चारों को हिरासत के लिए तिरुपति की एक स्थानीय अदालत में भी पेश किया गया। इस मामले में तिरुपति मंदिर के प्रसाद के लिए घी की आपूर्ति में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है।

प्रतिबंध के बावजूद घी की सप्लाई!: इस बीच एसआईटी ने हिरासत के लिए जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है| आपूर्तिकर्ता भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी प्राइवेट लिमिटेड को तिरुमाला तिरुपति देवस्थान ट्रस्ट द्वारा काली सूची में डाल दिया गया था।

लेकिन इसके बाद भी इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि भोले बाबा वैष्णवी डेयरी और एआर डेयरी नाम की दो फर्जी कंपनियों के जरिए घी की सप्लाई करते रहे| इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट दी है| इस प्रसाद को बनाने में मंदिर समिति द्वारा लगभग 15 हजार किलो घी का उपयोग किया जाता है।

इस संबंध में रविवार को रिमांड रिपोर्ट दाखिल की गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक भोले बाबा डेयरी 2019 में तिरुपति देवस्थान को 291 रुपये प्रति किलो के हिसाब से घी सप्लाई कर रही थी| यह सप्लाई 2022 तक जारी रही| इस बीच 2022 में तिरुमाला तिरुपति देवस्थान समिति ने भोले बाबा डेयरी के उत्पादन केंद्र का निरीक्षण किया|

देवस्थान ने वहां स्थिति संतोषजनक नहीं बताते हुए भोले बाबा डेयरी को काली सूची में डाल दिया। अत: भोले बाबा डेयरी के लिए देवस्थान की नियमित ठेका प्रक्रिया में अनुबंध करना असंभव था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तिरुपति में लड्डू विवाद भड़का: लेकिन बाद में, भोले बाबा डेयरी ने अनुबंध प्रक्रिया में ‘सहयोग’ करते हुए दो अन्य कंपनियों को भी योग्य बनाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर किया।

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