गाज़ा शांति योजना: ट्रंप का ‘3000 साल की तबाही खत्म करने’ वाला संदेश!

आज मिस्र में इजरायल-हमास की अहम वार्ता

गाज़ा शांति योजना: ट्रंप का ‘3000 साल की तबाही खत्म करने’ वाला संदेश!

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मध्य पूर्व में जारी गाज़ा संघर्ष को खत्म करने की कोशिशें अब निर्णायक मोड़ पर पहुँचती दिख रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता प्रयासों के तहत सोमवार को मिस्र में इजरायल और हमास के प्रतिनिधिमंडलों के बीच अहम वार्ता होने जा रही है। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि ट्रंप ने स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर को इस वार्ता के लिए विशेष दूत के रूप में मिस्र भेजा है। इनका मकसद बंधकों की रिहाई और कैदियों की अदला-बदली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।

हालाँकि ट्रंप के शांति प्रस्ताव के ऐलान के तुरंत बाद हालात फिर बिगड़ गए। शनिवार को इजरायल ने गाज़ा पर हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम 70 फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें दो महीने से आठ साल तक की उम्र के सात बच्चे भी शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार, यह बमबारी तब हुई जब ट्रंप ने इजरायल से गाज़ा पर “तुरंत बमबारी रोकने” का आग्रह किया था। गाज़ा शहर, जो सैन्य अभियान का केंद्र बना हुआ है, सबसे अधिक प्रभावित रहा।

हालात बिगड़ते देख ट्रंप ने इजरायल को अस्थायी रूप से बमबारी रोकने का निर्देश दिया और हमास को चेतावनी दी कि यदि बंधकों की रिहाई में देरी हुई, तो “सब कुछ दाँव पर लग जाएगा।” उन्होंने कहा,

“मैं इस बात की सराहना करता हूं कि इजरायल ने बंधकों की रिहाई और शांति समझौते को पूरा होने का मौका देने के लिए बमबारी अस्थायी रूप से रोक दी है। हमास को जल्दी कदम उठाना होगा, वरना सब दांव पर लग जाएगा। मैं देरी बर्दाश्त नहीं करूंगा… आइए इसे जल्दी से पूरा करें। सभी के साथ उचित व्यवहार किया जाएगा।”

मिस्र में आज अहम बैठक

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र का विदेश मंत्रालय पुष्टि कर चुका है कि आज होने वाली इस वार्ता में हमास और इजरायल दोनों पक्षों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। हमास ने ट्रंप की योजना के कुछ हिस्सों जैसे इजरायल की गाज़ा से वापसी और इजरायली बंदियों के बदले करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली पर सहमति जताई है।
हालांकि समूह ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह निरस्त्रीकरण (disarmament) की अमेरिकी मांग को स्वीकार करेगा या नहीं, जो इस पूरे समझौते की मुख्य शर्तों में से एक है।

यरुशलम में बोलते हुए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वार्ताकार बंदियों की रिहाई की समय-सीमा पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमास को निरस्त्र किया जाना चाहिए, या तो ट्रंप की योजना से या इजरायली सैन्य कार्रवाई से।” हमास ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इजरायल पर आरोप लगाया कि “ वह अमेरिका के युद्धविराम प्रयासों के बावजूद अपराध जारी रख रहा है।”

ट्रंप का ‘3000 साल की तबाही’ वाला संदेश

बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा, “बातचीत के बाद, इजरायल प्रारंभिक वापसी रेखा पर सहमत हो गया है, जिसे हमने हमास को दिखाया है। जब हमास इसकी पुष्टि करेगा, युद्धविराम तुरंत प्रभावी हो जाएगा, बंधकों और कैदियों की अदला-बदली शुरू होगी, और हम वापसी के अगले चरण के लिए परिस्थितियाँ तैयार करेंगे, जो हमें इस 3,000 साल की तबाही के अंत के करीब ले जाएगा।”

ट्रंप का यह संदेश दर्शाता है कि वे गाज़ा शांति योजना को ऐतिहासिक ‘नोबेल प्राइज’ स्तर की उपलब्धि बनाने की कोशिश में हैं। आज की मिस्र बैठक को इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जहाँ यह तय होगा कि क्या ट्रंप की शांति पहल सचमुच मध्य पूर्व में तीन हज़ार साल पुराने संघर्ष का अंत ला सकेगी, या फिर गाज़ा एक बार फिर हिंसा की आग में झुलसेगा।

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