‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ लॉन्च करते ट्रम्प ने भारतीय छात्रों को लेकर क्या कहा?

 ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ लॉन्च करते ट्रम्प ने भारतीय छात्रों को लेकर क्या कहा?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नया इमीग्रेशन कार्यक्रम “ट्रम्प गोल्ड कार्ड” लॉन्च करते हुए कहा कि अमेरिका को उन प्रतिभाशाली विदेशी छात्रों को देश में बनाए रखना चाहिए, जो शीर्ष विश्वविद्यालयों से डिग्री हासिल करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय और चीनी छात्रों का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्हें पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस भेजना  शर्मनाक और बेतुका है।

व्हाइट हाउस से जारी बयान में ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका का मौजूदा सिस्टम उन छात्रों के लिए बेहद कठिन है, जो Wharton, Harvard, MIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से टॉप रैंक के साथ ग्रेजुएट होते हैं, लेकिन वीज़ा प्रतिबंधों के कारण देश में नहीं रुक पाते। ट्रम्प ने कहा, “यह एक गिफ्ट है, क्योंकि हमें लगता है कि ये सचमुच शानदार लोग हैं जिन्हें रहने की अनुमति नहीं मिलती। वे कॉलेज से ग्रेजुएट होते हैं और फिर आपको वापस भारत, चीन, फ्रांस… जहाँ से आए हैं वहाँ लौटना पड़ता है। रहना बहुत मुश्किल है। यह शर्मनाक है। यह एक बेतुकी चीज़ है। हम इसका समाधान कर रहे हैं।”

ट्रम्प ने घोषणा की कि गोल्ड कार्ड की वेबसाइट लाइव हो चुकी है और अमेरिकी कंपनियाँ अब इस कार्ड को खरीदकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपने साथ काम पर रख सकेंगी।

उन्होंने कहा कि टेक कंपनियाँ, खासकर Apple के CEO Tim Cook, बार-बार शिकायत करते रहे हैं कि टॉप प्रतिभा को हायर करके भी कंपनियों को पता नहीं होता कि वे उसे अमेरिका में रख पाएँगे या नहीं। ट्रम्प ने कहा कि वर्तमान सिस्टम में ग्रेजुएट छात्रों को देश से बाहर फेंक दिया जाता है।

ट्रम्प ने कहा, “आप कॉलेज में नंबर वन आते हैं, फिर भी कोई गारंटी नहीं कि आप देश में रुक सकेंगे। यह समस्या अब नहीं रहेगी।” ट्रम्प का दावा है कि गोल्ड कार्ड प्रोग्राम अमेरिका के लिए कई अरब डॉलर का राजस्व लाएगा, जो देश के विकास में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम इस कार्यक्रम से अरबों डॉलर लेंगे… यह एक शानदार चीज़ होगी।”

ट्रम्प का कहना है कि गोल्ड कार्ड कंपनियों और कर्मचारियों को ग्रीन कार्ड से अधिक फायदे देगा। इसे एक ऐसी वीज़ा श्रेणी बताया जा रहा है जो अमेरिका को “सबसे बेहतरीन प्रतिभा” लाने में मदद करेगी।

अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने बताया कि, व्यक्ति के लिए गोल्ड कार्ड की कीमत $1 मिलियन, कंपनी के लिए गोल्ड कार्ड की कीमत $2 मिलियन होगी। उन्होंने कहा कि हर आवेदक की सबसे सख्त सरकारी जाँच होगी जिसकी लागत $15,000 होगी, और इसके बाद सफल उम्मीदवार को 5 साल में नागरिकता का रास्ता मिलेगा। कंपनियाँ चाहें तो एक कार्ड पर समय-समय पर अलग-अलग कर्मचारियों को नियुक्त कर सकेंगी।

लुटनिक ने कहा कि यह कार्यक्रम पहले से अनुमोदित वीज़ा श्रेणियों का हिस्सा है, लेकिन अब इसमें “सिर्फ बेहतरीन लोग” शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि औसत ग्रीन कार्ड धारक एक अमेरिकी की तुलना में कम कमाता है और सरकारी सहायता अधिक लेता है और ट्रम्प इसका स्तर उठाना चाहते हैं। अंत में उन्होंने कहा, “यह अमेरिका के लिए एक गिफ्ट है… जिससे ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका फिर से महान बनेगा।”

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