अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी और भारत में अगले राजदूत के लिए नामित सर्जियो गोर ने गुरुवार(11 सितंबर) को कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत अपनी विशाल मिडिल क्लास मार्केट के साथ अमेरिकी कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद खरीदे। गोर ने यह बयान अमेरिकी सीनेट समिति की सुनवाई के दौरान दिया। उन्होंने कहा, “हम इन चल रही व्यापार वार्ताओं में भारतीय बाजार को कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और तरलीकृत प्राकृतिक गैस के लिए खोलना चाहते हैं। भारत की आबादी 1.4 अरब है और उसका मिडिल क्लास, हमारी परिभाषा के अनुसार, पूरे अमेरिका से बड़ा है। वहां अपार संभावनाएं हैं और हम उन्हें पूरी तरह उपयोग में लाना चाहते हैं।”
रूस से तेल खरीद को लेकर दबाव
गोर का यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप प्रशासन भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव बना रहा है। वाशिंगटन का कहना है कि इससे मॉस्को को यूक्रेन युद्ध के लिए धन मिलता है। हालांकि, भारत ने साफ किया है कि उसके तेल सौदे बाजार की परिस्थितियों और जनता के हितों पर आधारित हैं।
मोदी-ट्रंप रिश्तों पर जोर
गोर ने सुनवाई में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हालिया मतभेदों के बावजूद रिश्ते “गर्मजोशी भरे और रणनीतिक रूप से अहम” हैं। गोर के अनुसार कहा, “हमारे राष्ट्रपति की प्रधानमंत्री मोदी से गहरी दोस्ती है। जब वे अन्य देशों पर सख्त टिप्पणी करते हैं तो उनके नेताओं को भी निशाना बनाते हैं। लेकिन भारत के मामले में, आलोचना के बावजूद वे मोदी की तारीफ करते हैं। दोनों के बीच अद्भुत संबंध हैं।”
गोर ने भारत की हाल की SCO शिखर सम्मेलन में भागीदारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि,“अंतरराष्ट्रीय रिश्ते सिर्फ फोटो खिंचवाने तक सीमित नहीं होते।” उन्होंने दावा किया कि भारत के अमेरिका से रिश्ते चीन से कहीं ज्यादा गहरे और गर्मजोशी भरे हैं, “चीनी विस्तारवाद सिर्फ भारत की सीमा पर नहीं, पूरे क्षेत्र में फैला है। हमारी प्राथमिकता होगी कि भारत हमारे पाले में रहे, न कि उनके।”
अमेरिकी राजदूत पद के उम्मीदवार ने भरोसा जताया कि टैरिफ विवाद ज्यादा दिन नहीं चलेगा,“हम किसी बड़ी दूरी पर नहीं हैं। मेरा मानना है कि अगले कुछ हफ्तों में यह हल हो जाएगा।” उन्होंने साथ ही कहा कि भारत की संरक्षणवादी नीतियां और नियामकीय बाधाएं अब तक साझेदारी को पूरी तरह साकार होने से रोकती रही हैं।
राजनयिक खटास के बाद सॉफ्टनिंग
हाल ही में अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ और रूस से तेल व्यापार से जुड़ी अतिरिक्त 25% दंडात्मक ड्यूटी लगाई थी, जिससे दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था। हालांकि, ट्रंप ने अब नरम रुख अपनाते हुए नई वार्ताओं का आह्वान किया है और पीएम मोदी के साथ बातचीत की इच्छा जताई है। सुनवाई के दौरान गोर का समर्थन करने के लिए विदेश मंत्री मार्को रुबियो खुद पहुंचे और कहा, “भारत दुनिया के सबसे अहम रिश्तों में से एक है, जो भविष्य की वैश्विक व्यवस्था को तय करेगा।”
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