भारत पर लगाए गए ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिका में बगावत, कांग्रेस में प्रस्ताव पेश

भारतीय कंपनियों ने नॉर्थ कैरोलिना में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिससे लाइफ साइंसेज और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं। रॉस ने यह भी बताया कि नॉर्थ कैरोलिना के निर्माता हर साल भारत को सैकड़ों मिलियन डॉलर का निर्यात करते हैं।

भारत पर लगाए गए ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिका में बगावत, कांग्रेस में प्रस्ताव पेश

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अमेरिका में भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अब अपने ही देश में राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी कांग्रेस के तीन सांसदों ने भारत पर लगाए गए ऊंचे आयात शुल्क को खत्म करने के लिए कांग्रेस में एक औपचारिक प्रस्ताव पेश किया है। इनमें डेमोक्रेट पार्टी की सांसद डेबोरा रॉस, मार्क वीसी और भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति शामिल हैं। ये तीनों नेता पहले भी ट्रंप की टैरिफ नीति के मुखर आलोचक रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस वर्ष की शुरुआत में भारत पर लगने वाले टैरिफ को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था, जो किसी भी देश पर लगाया गया सबसे अधिक शुल्क है। यह फैसला यूक्रेन युद्ध के बीच भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के संदर्भ में लिया गया था। इसके बाद अगस्त में भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ  भी लगाया गया।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सांसदों द्वारा पेश किया गया यह प्रस्ताव भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ को खत्म करने की मांग करता है। सांसद डेबोरा रॉस ने कहा कि नॉर्थ कैरोलिना और भारत के बीच व्यापार, निवेश और एक जीवंत भारतीय-अमेरिकी समुदाय के जरिए गहरा रिश्ता है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारतीय कंपनियों ने नॉर्थ कैरोलिना में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिससे लाइफ साइंसेज और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं। रॉस ने यह भी बताया कि नॉर्थ कैरोलिना के निर्माता हर साल भारत को सैकड़ों मिलियन डॉलर का निर्यात करते हैं।

भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को काउंटरप्रोडक्टिव बताया। उन्होंने कहा कि ये शुल्क सप्लाई चेन को बाधित करते हैं, अमेरिकी कामगारों को नुकसान पहुंचाते हैं और उपभोक्ताओं के लिए लागत बढ़ाते हैं। उनके मुताबिक, टैरिफ हटाने से अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूती मिलेगी।

वहीं सांसद मार्क वीसी ने भारत को अमेरिका का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदार बताते हुए टैरिफ को अवैध करार दिया। उन्होंने कहा कि ये शुल्क महंगाई से जूझ रहे नॉर्थ टेक्सास के आम नागरिकों पर अतिरिक्त कर की तरह बोझ डाल रहे हैं।

डेमोक्रेट सांसद पहले भी भारत पर लगाए गए टैरिफ का विरोध करते रहे हैं। अक्टूबर में यही तीन सांसद भारतीय मूल के कांग्रेसमैन रो खन्ना और 19 अन्य सांसदों के साथ मिलकर ट्रंप से भारत पर टैरिफ हटाने की अपील कर चुके हैं, ताकि दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास को दूर किया जा सके। 12 दिसंबर को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कृष्णमूर्ति के कार्यालय ने कहा, “भारत पर लगाए गए ट्रंप के टैरिफ को खत्म करना कांग्रेस द्वारा व्यापार पर अपने संवैधानिक अधिकार को वापस लेने और राष्ट्रपति द्वारा आपात शक्तियों के दुरुपयोग को रोकने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।”

इसी सप्ताह भारत-अमेरिका संबंधों में आई गिरावट को लेकर डेमोक्रेट सांसदों के एक अन्य समूह ने भी चिंता जताई। भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल ने हाउस फॉरेन अफेयर्स साउथ एंड सेंट्रल एशिया सबकमेटी की सुनवाई के दौरान कहा, “हम टैरिफ को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ये टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं और अमेरिकी व्यवसायों व उपभोक्ताओं को भी चोट पहुंचा रहे हैं।”

जयपाल ने एक पारिवारिक कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा, “उन्होंने बताया कि ये टैरिफ पिछले 120 वर्षों में उनके व्यवसाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं और उन्हें या तो उत्पादन घटाना होगा या विदेश स्थानांतरित करना पड़ेगा।”

आंकड़ों के अनुसार, नॉर्थ कैरोलिना में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 1,30,646 है, जबकि टेक्सास में यह आंकड़ा करीब 5.70 लाख है। ऐसे में सांसदों का मानना है कि भारत पर टैरिफ का असर न केवल द्विपक्षीय व्यापार पर, बल्कि लाखों भारतीय-अमेरिकियों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

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