पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हमला, 16 की मौत!

TTP से जुड़े गुट ने ली जिम्मेदारी

पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हमला, 16 की मौत!

ttp-suicide-bombing-khyber-pakhtunkhwa-16-pak-army-killed

पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार (28 जून) को एक आत्मघाती हमले में कम से कम 16 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य नागरिक भी घायल हुए है। हमले की जिम्मेदारी तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के एक धड़े हाफिज गुल बहादुर समूह ने ली है।

यह हमला उत्तर वज़ीरिस्तान के खड्डी क्षेत्र में हुआ, जहां एक आत्मघाती हमलावर ने बारूद से भरी गाड़ी को सेना के काफिले से टकरा दिया। धमाका इतना भीषण था कि आसपास के दो घरों की छतें भी ढह गईं, जिसमें छह बच्चे घायल हो गए। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि 24 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें 14 आम नागरिक शामिल हैं।

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। अकेले 2024 की शुरुआत से अब तक, इस प्रांत में लगभग 290 लोगों की आतंकवादी हमलों में मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में हिंसा और आतंकवाद के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है। मार्च 2024 में भी, TTP ने टैंक जिले के जंडोला सैन्य अड्डे पर एक भीषण आत्मघाती हमला किया था। उस हमले में एक विस्फोटक वाहन (VBIED) का इस्तेमाल किया गया, जिससे सैन्य अड्डे में भारी तबाही हुई। हमले के बाद आतंकियों ने अड्डे में घुसपैठ भी की थी।

लगातार हो रहे इन हमलों ने पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की नाकामी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर ऐसे समय में जब सीमा पार से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत पर आरोप लगाता रहा है, वहीं उसकी खुद की सीमा पर चरमपंथी ताकतें खुलकर चुनौती दे रही हैं।

अभी तक इस ताजा हमले को लेकर पाकिस्तान सरकार की तरफ से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन आतंकवादी नेटवर्क के पुनर्गठन और सीमावर्ती इलाकों में बढ़ती हिंसा को देखते हुए क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका और गहरी हो गई है।

यह भी पढ़ें:

प्रगनानंद ने उज्बेकिस्तान में जीता खिताब, आनंद ने सराहा!

बोगस मतदाता हटेंगे तो विपक्ष को तकलीफ क्यों? मांझी का सवाल! 

11 वर्षों में ऑयल-गैस सेक्टर में बड़ा बदलाव लाई मोदी सरकार : पुरी! 

छत्तीसगढ़ में विकास का असर, बीजापुर में 13 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण!

Exit mobile version