रायपुर। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक तुगलकी फरमान जारी किया गया है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए लगाई जा रही वैक्सीन लेकर आदिवासी विभाग ने बड़ा ही अजीब आदेश जारी किया है जिससे कई लोग नाराज हैं।खबरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 160 किलोमीटर दूर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आदिवासी विभाग ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कोविड-19 का टीका लगवाएं अन्यथा उन्हें जून माह का वेतन नहीं दिया जाएगा।
विभाग ने कर्मचरियों को जल्द से जल्द जिला कलेक्ट्रेट के आदिवासी संभाग में अपना कोविड-19 टीकाकरण कार्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तुत करने को भी कहा गया। विभाग ने कर्मचरियों को साफ निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कर्मचारी बिना टीकाकरण के पाया गया तो उसका जून का माह का वेतन रोकने की पहल की जाएगी, और इसके लिए कर्मचारी खुद जिम्मेदार होगा।आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त केएस मसराम ने कहा कि, विभाग के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए। सोमवार को विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है।
आदेश के लागू होने के बाद इस पर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। इसके बाद सहायक आयुक्त आदेश का बचाव करते हुए कहा, “हमें उस परिणाम को देखना चाहिए जो हमने हासिल किया है। इसके कारण 90 प्रतिशत से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने खुद को टीका लगाया है। मेरा इरादा किसी सरकारी कर्मचारी को डराने का नहीं था, लेकिन हमारा लक्ष्य शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करना है.”बता दें की इससे पहले भी झारखंड में ऐसा ही फरमान जनवरी में जारी किया गया था , लेकिन विरोध के बाद उसे वापस ले लिया गया।