वाराणसी। ब्रिटेन सरकार ने नई स्कॉलरशिप शुरू की है। ब्रिटिश काउंसिल स्कूल फॉर वुमेन इन स्टेम नामक स्कॉलरशिप महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में विशेष अध्ययन के लिए शुरू की गई है। यह स्कॉलरशिप पहले साल दुनिया के दस युवाओं को दिया गया है। इसके लिए भारत से करीब दो आवेदन किये गए थे। जिसमें बीएचयू के दो स्टूडेंट चारू शर्मा और ऋताव्रत चौधरी शामिल हैं।
इस स्कॉलरशिप के लिए भारतीयों द्वारा किए गए आवेदन की संख्या करीब दो सौ थी। जबकि दुनियाभर से चार हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था। इनमें बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग की छात्रा चारु शर्मा स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा में दुनियाभर में महिलाओं की स्थिति पर शोध करेंगी। वहीं, ऋताव्रत चौधरी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में इल्ली की एक विशेष प्रजाति के बायो मैकेनिक्स पर पीएचडी करेंगे। दोनों ही विद्यार्थियों ने बीएचयू के जीन विज्ञानी प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे के मार्गदर्शन में अब तक अध्ययन किया है।
चारू द्वारा बीएचयू में इवोल्यूटिंग जेनेटिक्स पर किया गया काम उनके चयन का आधार बना। इसमें उन्होंने यह दर्शाया है कि महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए वह न केवल मोटिवेटर बल्कि शरीर विज्ञान के आधार पर भी कार्य करेंगी। आदिवासी महिलाओं को उनकी शारीरिक क्षमताओं से रूबरू कराने, उनके रोगों, रिप्रोडक्टिव हेल्थ आदि के बारे में जागरूक करेंगी। एक साल के प्रशिक्षण के बाद भारत आकर वैज्ञानिक तौर-तरीकों से महिला सशक्तीकरण पर काम करेंगी।बीएससी ऑनर्स के छात्र ऋताव्रत चौधरी ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में इंटीग्रेटेड पीएचडी करेंगे। बीएचयू में उन्होंने इंसेक्ट के बायो मैकेनिक्स पर कार्य किया था जो उनके चयन का आधार बना। कैटरपिलर (इल्ली) पर ऋताव्रत का विशेष शोध कैंब्रिज के डॉ. वाल्टर फेडरले और प्रो. क्रिस्टोफर के निर्देशन में होगा। ऋताव्रत ने कैटाग्लिफिश नाम की चीटियों के विकास पर काम किया है।