दक्षिण अफ्रीकी देशों से मध्यप्रदेश के कूनो लाई गई मादा चीता ज्वाला के कुछ दिन पहले जन्मे चार शावकों में से दो और ने आज दम तोड़ दिया। ज्वाला के एक शावक ने 23 मई को दम तोड़ दिया था। अब सिर्फ एक शावक शेष है, जिसकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है। सभी शावक लगभग आठ सप्ताह के थे। वन विभाग की टीम मौत के कारणों का पता लगाने में जुटी है।
कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत हो रही है। मार्च में मादा चीता सासा की मौत फिर अप्रैल में उदय नाम के चीते की मौत और फिर मादा चीता दक्षा की मौत के बाद मादा चीता ज्वाला के तीन शावकों की अब तक मौत हो चुकी है। लगातार कूनो में घट रहे चीतों के कुनबे से अब एक बार फिर चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल पर उठ रहे हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने ओर उनके कुनबे को बढ़ाने के लिए इस प्रोजेक्ट को लाया गया है। नामीबिया से लाए गए चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अपने जन्मदिन पर पार्क के बाड़े में छोड़ा था। लेकिन कूनो नेशनल पार्क में चीतों का कुनबा बढ़ने की जगह घट रहा है। ऐसे में यहां से चीते शिफ्ट करके राजस्थान ले जाने की तैयारियां या यूं कहें की सुझाव पर चर्चा हो रही है।
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