उदयपुर मर्डर केस में एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों में से एक रियाज अटारी राजस्थान में दावत-ए-इस्लामी की स्लीपर सेल स्थापित करने के फिराक में था। इसमें चालीस लोग को जोड़ने की तैयारी की जा रही थी। एनआईए के अनुसार, रियाज पाकिस्तान की सुन्नी समूह दावत-ए-इस्लामी में शामिल होने के लिए लोगों को लालच देकर बना रहा था। सूत्रों के मुताबिक रियाज अटारी और उसका गिरोह उदयपुर में दो और लोगों को निशाना बनाने की योजना बना रहा था।
बताया जा रहा है कि कन्हैया लाल हत्या कांड में उपयोग किये गए हथियार को उत्तर प्रदेश के कानपुर से लाया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि चाकू को धार उदयपुर की एसके इंजीनियरिंग नाम की फैक्ट्री में दी गई थी। इतना ही नहीं इन हथियारों की तस्वीर को एक व्हाट्सएप ग्रुप पर भी शेयर किया गया था।
कानपुर में ही दावत-ए-इस्लामिया नामक पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन का मुख्यालय है। जांच में सामने आया है कि गोस मोहम्मद को कन्हैया लाल की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता है। उसने रियाज़ और अन्य की मदद से इस घटना को अंजाम दिया था। जांच एजेंसियों के पास 40 लोगों की जानकारी भी मौजूद हैं।बताया जा रहा है सभी गोस मोहम्मद और रियाज़ के इशारे पर स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे। आरोपियों की धरपकड़ के लिए जांच एजेंसियां छापेमारी कर रही हैं। ये आरोपी उदयपुर के पास सिलावटवाड़ी, खांजीपीर और सवीना के रहने बताये जा रहे हैं।
ये भी पढ़ें